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राजेंद्रनगर की घटना के बाद अन्य कोचिंग सेंटर्स के साथ दृष्टि आईएएस सील

राष्ट्रीय            Jul 29, 2024


 मल्हार मीडिया ब्यूरो।

देश की राजधानी नई दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में कोचिंग के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की मौत की घटना के बाद दिल्ली नगर निगम द्वारा लगातार बेसमेंट में संचालित कोचिंग सेंटर के खिलाफ सीलिंग की गई.

इसी क्रम में आज सोमवार 29 जुलाई को मुखर्जी नगर के नजदीक स्थित नेहरू विहार में दृष्टि आईएएस की भी एक कोचिंग सेंटर को सील कर दिया गया. यह कोचिंग सेंटर वर्धमान मॉल के बेसमेंट में चलाया जा रहा था. इस कोचिंग सेंटर में 5000 से ज्यादा छात्र-छात्राएं आईएएस की कोचिंग लेते हैं.

यहां सुबह 9 बजे से कक्षाएं शुरू होती हैं और करीब आठ से नौ क्लासेस इस बेसमेंट के अंदर चलती थी. हर क्लास में 500 से 600 स्टूडेंट बैठते थे. बेसमेंट में चल रहे इस कोचिंग सेंटर के अंदर ही एक बिजली का बड़ा पैनल लगा हुआ है, जिससे कभी भी दुर्घटना होने की संभावना बनी हुई थी.

इसके अलावा इस कोचिंग सेंटर से कुछ मीटर की दूरी पर ही एक बड़ा नाला भी बहता है, जिसके ओवरफ्लो होने पर अंदर पानी की आशंका रहती है. इन्हीं सब को देखते हुए दोपहर ढाई बजे कोचिंग सील कर दी गई.

बेसमेंट के बारे में नहीं बताया गया: एक छात्र फहद ने बताया कि उसने 2023 में यहां फाउंडेशन कोर्स में दाखिला लिया था.

अभी तैयारी के चार महीने बाकी हैं. दाखिले के समय बातचीत करने के लिए मुखर्जी नगर स्थित दृष्टि आईएएस के ऑफिस में बुलाया गया था. उस समय नहीं बताया गया था कि उसकी क्लासेज बेसमेंट में चलेंगी. बताया गया था कि नेहरू विहार वाले सेंटर में आपकी

छत के गिरने का खतरा: वहीं, कोचिंग के एक अन्य छात्र उज्जवल कुमार सिंह ने बताया कि यहां सबसे बड़ी खतरे की बात वर्द्धमान प्लाजा की बिल्डिंग है. यह बिल्डिंग काफी पुरानी है और यहां से प्लास्टर भी झड़ता रहता है. साथ ही छत भी काफी पुरानी है, जिसके गिरने का खतरा रहता है. दाखिले के समय सारी प्रक्रिया मुखर्जी नगर स्थित ऑफिस में हुई थी.

मुझे नहीं पता था कि कक्षाएं बेसमेंट में चलाई जाएंगी. एक बार फीस जमा करने के बाद दाखिला ले लिया तो फीस वापस लेना बहुत मुश्किल होता है. सालभर का ही तो समय बिताना है, कैसे भी निकाल लेंगे. इसलिए जब दाखिला ले लिया और क्लासेस शुरू हो गई तो फिर कोचिंग छोड़ने के बारे में विचार नहीं किया.

उनके अलावा एक छात्रा अल्पना चौरसिया ने बताया कि सिर्फ कोचिंग सेंटर का ही नहीं यहां पीजी का भी यहां पर बुरा हाल है.

पीजी सेंटर संचालक भी यहां पर छात्रों की समस्या पर ध्यान नहीं देते हैं. मैं जिस यशराज पीजी में रहती हूं, उस पीजी में आए दिन करंट आता रहता है.

जब हम करंट की शिकायत करते हैं तो पीजी संचालक कहते हैं कि अच्छी बात है आपको करंट लगने से यहां फीवर नहीं आएगा. इस तरीके की समस्याएं यहां पर आम हैं. हालांकि किसी का भी ध्यान इस तरफ नहीं है.

 


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