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किसानो की हड़ताल से मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र में फल, सब्जियों व दूध की आपूर्ति बाधित

राष्ट्रीय            Jun 01, 2017


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

मध्यप्रदेश किसान सेना ने फसल के उचित दाम नहीं मिलने पर 1 से 10 जून तक मंडियों में किसानों द्वारा माल नहीं लाने का आंदोलन शुरू किया है। इस आंदोलन में दूध उत्पादक भी शामिल हैं। वे भी दूध नहीं बचेंगे। इस कारण दूध और सब्जियों की किल्लत शुरू हो गई है।

उज्जैन, देवास, नीमच और नागदा में दूध बेचने जा रहे कुछ पशुपालकों का हजारों लीटर दूध आंदोलन कर रहे लोगों ने बहा दिया। जानकारी के मुताबिक उज्जैन इंदौर रोड पर आंदोलन कर रहे लोगों ने दूध की टंकियों से भरे वाहन को रोक लिया। इसके बाद उन्होंने हजारों लीटर दूध सड़कों पर बहा दिया। इस दौरान रास्ते में जाम लग गया। नीमच में सहकारी समिति की गाड़ी रोककर उसमें भरा दूध बहा दिया गया। आंदोलन करने वालों ने कहा कि हमने पहले ही इस बात की घोषणा कर दी थी कि शहरों में दूध और सब्जी नहीं भेजी जाएगी। फिर भी ये लोग दूध लेकर जा रहे थे।

इंदौर की छावनी अनाज मंडी में किसान के साथ हुई मारपीट के विरोध में भारतीय किसान संघ ने आज जिले की मंडियां बंद रखीं है। किसानों से कहा गया है कि वे सब्जियां व अनाज लेकर मंडियों में न जाएं। भारतीय किसान संघ ने कहा कि मंडी समिति के अधिकारी व्यापारियों का पक्ष लेते हैं और खुद की कमियों को छिपाते हैं। अनाज को बारिश से बचाने के लिए जो तिरपाल समिति ने खरीदे हैं। उनका उपयोग किसान नहीं कर सकते। मंगलवार की घटना में भी किसान के साथ बदसलूकी की गई।

मंडी में मंगलवार को अनाज का कम भाव मिलने पर एक किसान और व्यापारी में विवाद हो गया। कुछ देर बाद अन्य किसान भी आ गए और उन्होंने मंडी के कम्प्यूटर कक्ष में तोड़फोड़ कर दी।

किसान सेना के सचिव ने कहा कि किसान की फसलों को उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा। प्रदेश सरकार भी किसानों की मदद नहीं कर रही। आलू-प्याज मंडियों में इतना सस्ते में बिक रहे कि उनकी लागत तक नहीं निकल रही। इससे किसान पर आर्थिक बोझ बढ़ रहा है। इसके विरोध में गुरुवार से इंदौर जिले की मंडियां बंद रहेंगी। दो दिन से आंदोलन को लेकर गांवों में बैठकें हो चुकी हैं। गुरुवार को मंडियों के आसपास रैलियां भी निकाली जाएंगी। रावलिया ने कहा किसानों ने भी स्वेच्छा से अनाज व सब्जियां लेकर मंडियों में नहीं जाने का फैसला लिया है। किसान शहरों में दूध बिक्री के लिए नहीं भेजेंगे।

उधर महाराष्ट्र के किसानों ने गुरुवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी। किसान लंबे समय से अटके कर्जमाफी पैकेज सहित विभिन्न मांगों के लिए हड़ताल पर हैं। हड़ताल कर रहे किसानों ने चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं की जाती वे कृषि संबंधी गतिविधियों से दूर रहेंगे।

महाराष्ट्र के नासिक, सतारा और पुणे सहित कुछ हिस्सों में छिटपुट हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं जिसमें गुस्साए किसानों ने विभिन्न शहरों की ओर जा रहे दूध के टैंकर को रोककर कई टन दूध बहा दिया और सब्जियों एवं फलों की आपूर्ति बाधित की।

सतारा के पास हुई एक अन्य घटना में दूध टैंकर के चालक पर कुछ किसानों ने हमला कर दिया। नासिक के पास कुछ पुलिस वाहनों पर पथराव भी किया गया।

किसानों के इस हड़ताल की वजह से दोनों प्रदेशो में फल, सब्जियों, दूध की आपूर्ति आधीरात से ही बाधित है।



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