मल्हार मीडिया ब्यूरो।
जम्मू एवं कश्मीर में पीडीपी-भाजपा गठबंधन की सरकार गिरने के बाद राज्य में मंगलवार से राज्यपाल शासन अपरिहार्य हो गया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के गठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने यहां राज भवन जाकर राज्यपाल एन.एन. वोहरा को अपना इस्तीफा सौंप दिया।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने संवाददाताओं से कहा कि गठबंधन से अलग होने के बाद भाजपा भ्रष्टाचार के लिए पीडीपी को जिम्मेदार ठहराने का प्रयास करेगी।
कांग्रेस द्वारा नई सरकार के गठन के लिए पीडीपी को समर्थन देने के सवाल पर आजाद ने कहा, "इसका सवाल ही पैदा नहीं होता।"
इसबीच पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, अब्दुल्ला ने पीडीपी को समर्थन देने की सभी संभावनाओं को खारिज कर दिया।
87 सदस्यीय विधानसभा के लिए 2014 में चुनाव हुए थे, जिसमें पीडीपी को 28, नेशनल कांफ्रेंस को 15, भाजपा को 25, कांग्रेस को 12, पीपुल्स कांफ्रेंस को दो, माकपा, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट को एक-एक सीटें मिली थीं और तीन निर्दलीय निर्वाचित हुए थे।
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