मल्हार मीडिया ब्यूरो।
हरियाणा में यमुना के पानी में जहर मिलाने के आरोप पर दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किल बढ़ने वाली है। इस मामले को लेकर हरियाणा सरकार कोर्ट पहुंच गई है। इस पर सोनीपत के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को नोटिस जारी किया है। साथ ही कोर्ट ने उनको 17 फरवरी को पेश होने के लिए कहा है। वहीं आम आदमी पार्टी के मुखिया को चुनाव आयोग के सामने भी अपने दावे को लेकर सबूत पेश करना है। उनके जवाब और चुनाव आयोग के रुख पर भी नजरें टिकी हैं। केजरीवाल के इस आरोप के बाद चुनाव आयोग ने उन्हें सबूत पेश करने के लिए कहा था। चुनाव आयोग ने अपने पत्र में कहा कि यह एक गंभीर आरोप है, जो राज्यों के बीच दुश्मनी पैदा कर सकता है। इसके लिए तीन साल की जेल की सजा का प्रावधान है।
इससे पहले हरियाणा के कैबिनेट मंत्री विपुल गोयल ने बुधवार को बताया कि अरविंद केजरीवाल के यमुना में जहर मिलाने के आरोप में हरियाणा सरकार ने केजरीवाल के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री विपुल गोयल ने कहा कि केजरीवाल ने गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है। हरियाणा की सरकार उन्हें नहीं बख़्शेगी। केजरीवाल के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है। विपुल गोयल ने कहा कि सोनीपत में CJM कोर्ट में डिज़ास्टर मैनेजमेंट की धारा 2D, 154 के तहत मामला दर्ज करवाया जाएगा। मंत्री ने कहा कि केजरीवाल ने इतना बड़ा आरोप हरियाणा सरकार पर लगाया है, कानूनी प्रक्रिया भी होगी। चुनाव आयोग ने भी उनसे पूछा है कि उन्होंने किस आधार पर कहा कि जहरीला पानी दिया। वह अनर्गल बयान देते हैं, पैनिक फैलाने का काम करते हैं। हम इसकी निंदा करते हैं, उन्हें शर्म होनी चाहिए।’
जनता में दहशत फैलाने का आरोपगोयल ने आरोप लगाया कि केजरीवाल ने हरियाणा और दिल्ली की जनता में दहशत फैलाने का काम किया है। अरविंद केजरीवाल कहते हैं कि यमुना में हरियाणा सरकार ने जहर मिलाया है, जबकि प्रधानमंत्री भी कहते है कि वे यमुना का पानी पीते हैं। राष्ट्रपति भी इस पानी को सेवन करती हैं, तो क्या हरियाणा जहरीला पानी देगा। केजरीवाल ने गैर जिम्मेदाराना बयान दिया है, हरियाणा सरकार उन्हें इसके लिए बिल्कुल माफ नहीं करेगी। दिल्ली के पूर्व सीएम केजरीवाल के आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है।
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