मल्हार मीडिया ब्यूरो।
सरकारी कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के निदेशक मंडल ने सोमवार को सरकारी आईडीबीआई बैंक की 51 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है। आर्थिक मामलों के सचिव एस. सी. गर्ग ने यह जानकारी दी। इस दौरान, एक सूत्र ने आईएएनएस को बताया कि निदेशक मंडल ने एलआईसी के अध्यक्ष से कहा कि आईडीबीआई बैंक मामले पर वह अधिक सावधानी बरतें। सूत्र ने बताया, "इसके अलावा, बोर्ड ने हिस्सेदारी खरीदने की योजना को मंजूरी देने के दौरान अध्यक्ष से भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) द्वारा निर्धारित शर्तो को पूरा करने को कहा।"
निदेशक मंडल की दो घंटे तक चली बैठक के बाद संवादादाओं को इसकी जानकारी देते हुए गर्ग ने कहा कि बिक्री प्रक्रिया तरजीही शेयरों के माध्यम से की जाएगी।
यह पूछे जाने पर किया क्या आईडीबीआई के शेयरों का ओपन ऑफर भी लाया जाएगा। उन्होंने इससे इन्कार किया।
गर्ग ने कहा, "ओपेन ऑफर नहीं आ सकता है, क्योंकि (आईडीबीआई में) जो जनता की हिस्सेदारी है, वह काफी कम है। वह महज पांच फीसदी है और हिस्सेदारी की बिक्री से उन पर खास असर नहीं होगा।"
गर्ग ने कहा कि एलआईसी अब बाजार नियामक सेबी (भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड) के पास मंजूरी के लिए जाएगा। साथ ही उसे भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और सरकार की मंजूरी की भी जरूरत होगी।
आईआरडीएआई ने एलआईसी द्वारा शेयरों की खरीद को पहले ही मंजूरी दे दी है और कहा है कि एलआईसी के पॉलिसीधारकों के हितों की सुरक्षा होनी चाहिए और समय के साथ आईडीबीआई बैंक में एलआईसी की हिस्सेदारी आनेवाले समय में जल्द ही घटानी चाहिए।
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