मल्हार मीडिया ब्यूरो।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और पुत्र तेजस्वी यादव व अन्य के खिलाफ 2006 में आईआरसीटीसी होटल रखरखाव अनुबंध से जुड़े धनशोधन के एक मामले में आरोपपत्र दाखिल किया। आरोपपत्र विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार के समक्ष किया गया, जिन्होंने 25 अगस्त को मामले को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है।
मामला रांची और पुरी में स्थित आईआरसीटीसी होटलों का ठेका निजी कंपनियों को 2006 में प्रदान करने में अनियमितता बरतने से जुड़ा है।
कथिततौर पर ठेका हासिल करने के लिए निजी कंपनी ने रिश्वत के तौर पर तीन एकड़ की व्यावसायिक भूमि पटना जिले में मुहैया करवाई थी।
ईडी ने अपने आरोपपत्र में लालू प्रसाद की पार्टी के नेता पी. सी. गुप्ता, उनकी पत्नी सरला गुप्ता, लारा प्रोजेक्ट्स नामक एक कंपनी और 10 अन्य को इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) होटल निविदा मामले में आरोपी बनाया है।
सभी आरोपियों को धनशोधन निवारण कानून (पीएमएलए) के विभिन्न प्रावधानों के तहत आरोपी ठहराया गया है।
ईडी ने एक बयान में कहा, "मामले में न्यायिक प्राधिकरण ने डिलाइट मार्केटिंग की 44.75 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने की भी पुष्टि की है।"
प्रवर्तन निदेशालय का आरोप है कि लालू प्रसाद और आईआरसीटीसी के अधिकारियों ने कथित तौर पर अपने पदों का दुरुपयोग करते हुए पुरी और रांची स्थित रेलवे के दो होटलों के पट्टे का अधिकार (सब-लीज) कोचर सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड को प्रदान किया था।
ईडी ने कहा, "इसके बदले में डिलाइट मार्केटिंग कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (गुप्ता परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी) को 2005 के फरवरी महीने में प्रमुख स्थान की 358 डिसमल (3.5 एकड़) जमीन उस समय के सर्कल रेट से बहुत कम दर पर मुहैया हस्तांतरित की गई थी।"
ईडी ने कहा, "कथित कंपनी ने जमीन का कीमती टुकड़ा धीरे-धीरे रावड़ी देवी और उनके पुत्र तेजस्वी को नाममात्र की कीमत पर साझेदारी में खरीद के जरिए हस्तांरित कर दिया।"
केंद्रीय जांच ब्यूरो ने अप्रैल में आईआरसीटीसी होटल रखरखाव मामले में 12 लोगों और दो कंपनियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था।
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