मल्हार मीडिया ब्यूरो।
पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में लोकतंत्र की हत्या के विरोध में वाम दल 24 जुलाई को संसद भवन के सामने धरना देंगे। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के एक नेता ने सोमवार को यह जानकारी दी। धरने में केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन, त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार, पश्चिम बंगाल के वरिष्ठ वाम नेता और वाम दलों के सांसदों सहित अन्य नेता मौजूद रहेंगे।
माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य बिजन धर ने कहा कि मंगलवार को पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा सहित कई जिलों में विरोध रैलियां और प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा।
धर ने संवाददाताओं को बताया, "पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में लोकतंत्र और मानवाधिकार पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं। इन दोनों राज्यों में अराजकता पूरी तरह फैल चुकी है। सत्ता पक्ष के नेता और नेताओं का एक धड़ा विपक्षी पार्टियों से संबद्ध कार्यालयों, आवासों पर हमलों से सीधे संबद्ध हैं।"
उन्होंने कहा, "इस मुद्दे पर देश का ध्यान खींचने के लिए सभी वाम दल मंगलवार को संसद के बाहर धरना देंगे।"
उन्होंने कहा, "त्रिपुरा में मार्च में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) गठबंधन की सरकार बनने के बाद से माकपा के चार कार्यकर्ता और नेता मारे जा चुके हैं। पार्टी के हजारों सदस्यों और समर्थकों पर हमले हो चुके हैं।"
धर ने कहा, "माकपा और वाम दलों के लगभग 750 कार्यालयों को या तो जला दिया गया या उनपर हमला किया गया या कब्जा कर लिया गया। वाम संगठनों के लगभग 200 कार्यालयों पर हमला किया गया और लगभग 150 कार्यालयों पर जबरन कब्जा किया गया।"
उन्होंने कहा, "त्रिपुरा ट्राइबल एरियाज ऑटोनोमस डिस्ट्रिक काउंसिल सहित अन्य स्थानीय दलों के प्रधानों, चेयरमैन, निर्वाचित सदस्यों को इस्तीफा देने या भाजपा में शामिल होने के लिए मजबूर किया जा रहा है।"
त्रिपुरा में भाजपा की प्रदेश महासचिव प्रतिमा भौमिक ने आईएएनएस को बताया, "फरवरी में हुए विधानसभा चुनाव से पहले और बाद में भाजपा के 12 नेताओं और समर्थकों को वाम दलों के गुंडों ने मार दिया है। हालिया चुनाव में माकपा अगर चुनाव जीत जाती तो विपक्ष के सैकड़ों सदस्य राज्य छोड़कर चले जाते।"
उन्होंने कहा, "लेकिन भाजपा के सत्ता में आने के बाद, विपक्ष के किसी भी सदस्य को राज्य छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया गया।"
उन्होंने कहा, "त्रिपुरा में मुख्यमंत्री विप्लब कुमार देब के नेतृत्व में भाजपा सरकार के अच्छे प्रशासन को माकपा पचा नहीं पा रही है, इसीलिए वे झूठे आरोप लगा रहे हैं और जनता को भ्रमित करने के लिए कथित आंदोलन कर रहे हैं।"
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