मल्हार मीडिया ब्यूरो।
मद्रास उच्च न्यायालय बुधवार सुबह तमिलनाडु की सरकार के खिलाफ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) द्वारा दायर याचिका पर सुनावई करेगी।
राज्य सरकार ने द्रमुक पार्टी अध्यक्ष एम. करुणानिधि के पार्थिव शरीर को मरीना बीच पर दफनाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है जिसके बाद द्रमुक ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
मंगलवार देर रात याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य सरकार और चेन्नई निगम को अपने जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और मामला बुधवार सुबह आठ बजे बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
सुनवाई में राज्य सरकार ने करुणानिधि के पार्थिव शरीर को मरीना बीच पर दफन करने का विरोध किया।
वहीं, मंगलवार को करुणानिधि की द्रमुक पार्टी और परिवार के सदस्यों ने राज्य सरकार से पार्टी के संस्थापक सी.एन. अन्नादुरई की मरीना बीच पर स्थित स्मारक स्थल के पास करुणानिधि के पार्थिव शरीर को दफनाने के लिए जमीन आवंटित करने का आग्रह किया था।
मरीना बीच में शवों को दफनाने को लेकर लंबित मामलों का हवाला देते हुए ऑल इंडिया द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (अन्नाद्रमुक) की सरकार ने कहा था कि वह सरदार पटेल रोड पर गांधी मंडपम के पास दो एकड़ आवंटित करने के लिए तैयार हैं जहां राजभवन स्थित है।
राज्य सरकार के फैसले की कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, मरुमलार्ची द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एमडीएमके) के वाइको, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद जैसे नेताओं ने आलोचना की है।
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