मल्हार मीडिया ब्यूरो।
गुरुवार को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की दर में आई गिरावट को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी.चिदंबरम ने केंद्र सरकार की आलोचना की है।
ममता ने कहा कि नोटबंदी की वजह से 'उत्पादकता में भारी गिरावट' की उनकी आशंका सच साबित हुई है। उन्होंने फेसबुक पर लिखा है कि "जब केंद्र सरकार ने नोटबंदी की घोषणा की थी, मैंने तभी इस पर चिंता जताई थी कि इससे देश में बड़े पैमाने पर रोजगार घटेगा क्योंकि नोटबंदी के कारण उत्पादन प्रभावित होगा। मेरी आशंका सच साबित हुई है। देश में बड़े पैमाने पर रोजगार घटे हैं और कृषि और असंगठित क्षेत्र बदतरीन हालत में हैं। उन लोगों का इस पर क्या कहना है, जिन्होने देश को इस संकट में धकेला है।"
त्रिणमूल कांग्रेस प्रमुख ने अपने दावे के समर्थन में जीडीपी के नवीनतम आंकड़ों का हवाला दिया। उन्होंने कहा, "जीडीपी की चौथी तिमाही के आंकड़े घटकर 6.1 फीसदी रहे हैं। जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 7.9 फीसदी पर थी। यानी गिरावट लगभग दो फीसदी रही है।"
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी.चिदंबरम ने कहा कि उनकी देश की अर्थव्यवस्था की धीमी विकास दर की भविष्यवाणी सही थी और नोटबंदी ने इसे और भी बदतर बना दिया। चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, "मैंने कहा था नोटबंदी से देश की विकास दर 1 से 1.5 फीसदी प्रभावित होगी। अर्थव्यवस्था की रफ्तार जुलाई 2016 से धीमी पड़नी शुरू हो गई थी।"
नोटबंदी की मार देश की अर्थव्यवस्था पर दिखाई दी है। मार्च 2017 में समाप्त चौथी तिमाही के दौरान सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) दर घटकर 6.1 फीसदी रही जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह सात फीसदी थी।
आधिकारिक सांख्यिकीविद् द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले वित्त वर्ष में देश की जीडीपी बढ़कर 7.1 फीसदी रही है जो 2015-16 के आठ फीसदी के मुकाबले कम है।
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