PFI पर लगा पांच साल का बैन

राष्ट्रीय            Sep 28, 2022


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

PFI पर केंद्र सरकार ने बड़ा एक्शन लेते हुए पांच साल का बैन लगा दिया है।पिछले कुछ दिनों में मध्य प्रदेश से भी PFI के कई सदस्यों की गिरफ्तारी हुई है।

मंगलवार को भी प्रदेश से एक बड़ी गिरफ्तारी हुई। PFI को सपोर्ट करने वाली SDPI का प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल रऊफ भी ATS के हत्थे चढ़ गया।

दरअसल PFI को सपोर्ट करने वाली राजनीतिक विंग SDPI के प्रदेश अध्यक्ष अब्दुल रऊफ ने नगरीय निकाय चुनाव भी लड़ा था।

इस बात का खुलासा पहले ही हो चुका था कि SDPI मध्य प्रदेश में PFI को सपोर्ट दे रहे है  जिसके बाद से ही SDPI के नेता ATS की रडार पर थे।

ATS ने कई ठिकाने पर छापामार कार्रवाई की थी। और कई सदस्यों की गिरफ्तारी हुई थी।

वहीं ATS को PFI पाकिस्तानी कनेक्शन भी मिला है।मध्य प्रदेश से पकड़े गए खालिद के मोबाइल में 50 से ज्यादा पाकिस्तानी नंबर मिले हैं।

जिसके बाद ATS खालिद के भाई मोहम्मद मेहमूद की तलाश में जुटी हैं।

खालिद पीएफआई का जनरल सेक्रेटरी है।

इसके अलावा आरोपी अब्दुल करीम, मोहम्मद जावेद और जमील शेख  मोबाइल से भी कई पाकिस्तानी नंबर मिले हैं।

प्रदेश के अलग-अलग जिलों में मंगलवार को ATS ने एक्शन लेते हुए PFI के कई ठिकानों पर छापामार कार्रवाई थी।

जिसमें इंदौर और उज्जैन सहित प्रदेश के कई अन्य जिलों से 22 सदस्यों की गिरफ्तारी हुई थी।

वहीं इससे पहले इंदौर और उज्जैन से भी 4 सदस्यों की गिरफ्तारी हुई थी। जिनसे पूछताछ के आधार पर ही यह एक्शन लिया गया था।

वहीं देश में लगातार हुई गिरफ्तारियों के बाद केंद्र सरकार ने PFI पर पांच साल का बैन लगा दिया है।

PFI के अलावा केंद्र सरकारों ने 8 और संगठनों पर कार्रवाई की है।

इस मामले को लेकर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का बयान सामने आया है।

उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि 4 और 21 ऐसे करके 25 लोग अभी तक गिरफ्तार हुए हैं।

इनसे जैसे-जैसे सबूत मिलते जाएंगे पूछताछ में वैसे ही सारी स्लीपर सेल धीरे-धीरे पकड़ में आ जाएंगी।

उन्होंने कहा कि प्रतिबंध लगाया गया है इसे हम आंतरिक सर्जिकल स्ट्राइक कह सकते है।

नरोत्तम ने कहा कि केंद्र सरकार का स्वागत योग्य कदम है।

प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का आभार जताते हुए कहा कि जो संगठन राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्त था जिसके आईएसआई से कनेक्शन पाए गए हों।

जो केरल में , उड़ीसा, कर्नाटक, तमिलनाडु में जिनके हत्याओं के सबूत मिले हैं।

तो ऐसे संगठन पर प्रतिबंध लगाना निश्चित रूप से स्वागत योग्य कदम है।

 



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