मल्हार मीडिया ब्यूरो।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कूनो अभयारण्य में नामीबिया से आए चीतों को बाड़े में छोड़कर एक बार फिर देश में चीता युग की शुरुआत कर दी है।
चीतों को छोड़ने के बाद प्रधानमंत्री ने कैमरे से उनकी तस्वीरें ली, इसके बाद उन्होंने चीता मित्रों के साथ संवाद किया।
इस दौरान उनका एक वीडियो संदेश प्रसारित हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री ने कहा कि चीते हमारे मेहमान हैं, उनको देखने के लिए कुछ समय का धैर्य और रखना होगा।
इसके बाद उन्होंने कराहल में स्व-सहायता समूह के सम्मेलन को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां चीते इसलिए छोड़े गए, क्योंकि मुझे आप पर भरोसा है और आप लोगों ने मेरे भरोसे को कभी नहीं तोड़ा है।
चीतों को नामीबिया से विशेष विमान से ग्वालियर लाया गया था और वहां से चीनूक हेलिकाप्टर के द्वारा कूनो पहुंचाया गया। 75 साल पहले वर्ष 1947 में देश में आखिरी बार चीता देखा गया था।
छत्तीसगढ़ में कोरिया के महाराजा ने तीन चीता शावकों का एक साथ शिकार किया था। वर्ष 1952 में भारत सरकार ने चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया था। इसके बाद आज देश में फिर से चीतों की वापसी हुई है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी काे निर्धारित कार्यक्रम के तहत दाेपहर 2.35 बजे दिल्ली रवाना हाेना था, लेकिन श्याेपुर में महिलाओं के स्व सहायता समूह के सम्मेलन में लेट हाे गए।
ऐसे में वह करीब एक घंटे की देरी से दाेपहर 3.41 बजे विमान से ग्वालियर से दिल्ली रवाना हुए।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा- यहां चीते इसलिए छोड़े क्योंकि आप पर भरोसा है
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कराहल में स्व-सहायता समूह के कार्यक्रम में कहा कि मुझे आज इस बात की भी खुशी है कि भारत की धरती पर अब 75 साल बाद चीता फिर से लौट आया है।
अब से कुछ देर पहले मुझे कुनो नेशनल पार्क में चीतों को छोड़ने का सौभाग्य मिला। उन्होंने सभी से चीतों के स्वागत में उठकल ताली बजाने का आग्रह किया।
इसके बाद उन्होंने कहा कि यहां चीतों को इसलिए छोड़ा गया है कि क्योंकि मुझे आप पर भरोसा है कि आप इन पर कोई खतरा नहीं आने देंगे। उन्होंने कहा कि विश्वकर्मा जयंती पर स्वयं सहायता समूहों का इतना बड़ा सम्मेलन, अपने आप में बहुत विशेष है।
मैं आप सभी को, सभी देशवासियों को विश्वकर्मा पूजा की भी शुभकामनाएं देता हूं। पिछली शताब्दी के भारत और इस शताब्दी के नए भारत में एक बहुत बड़ा अंतर हमारी नारी शक्ति के प्रतिनिधित्व के रूप में आया है।
आज के नए भारत में पंचायत भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन तक नारीशक्ति का परचम लहरा रहा है।
श्याेपुर के कूनाे अभयारण्य में चीताें काे छाेड़ने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र माेदी कराहल में महिलाओं के स्व सहायता समूह के सम्मेलन में शामिल हुए। यहां पीएम ने समूह की महिलाओं से संवाद भी किया।
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