मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू होने के बाद पहली बार पुलिस पर संपत्ति विवाद में भी शामिल होकर प्राॅपर्टी पर कब्जा दिलाने के लिये दवाब बनाने का आरोप लगा है। मामला अवधपुरी थाने का है।
यहां समन्वय नगर, अवधपुरी में भेल के दिवगंत कर्मचारी रवि सिंह का डुप्लेक्स मकान है, जिसमें उनकी मौत के बाद उनकी पत्नी श्रीमती भावना सिंह और एमबीए की पढ़ाई कर रही बेटी मीना सिंह रहती हैं।
मां-बेटी अपने ही रिश्तेदार से परेशान हैं, क्योंकि पति के निधन के बाद उनके मकान पर कब्जे का प्रयास किया जा रहा है, जिसका विवाद न्यायालय में चल रहा है। पीड़िता भावना सिंह का आरोप है कि अवधपुरी थाना प्रभारी की पूरी टीम उनके सगे भाई के इशारे पर देर रात घर आकर दबाव बनाती है और चिल्लाकर बात करती है।
पुलिस के आतंक से प्रताड़ित मां-बेटी ने अब डुप्लेक्स के हर कोने में सीसीटीवी कैमरे लगवा लिये हैं। बीते गुरूवार को थाना प्रभारी, अवधपुरी थाने के कर्मचारियों को लेकर जूते पहनकर पीड़ित परिवार के घर में घुस गये और तलाशी लेने लगे।
पुलिस टीम की नजर जब घर के सीसीटीवी कैमरों पर पड़ी, तो सभी घर के बाहर निकल गये। पुलिस का तर्क है कि मां-बेटी के रिश्तेदार का सामान डुप्लेक्स के एक कमरे में रखा है, जिसकी जांच करने गये थे।
मामले में मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेन्द्र कुमार जैन ने अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था), भोपाल से एक माह में जवाब मांगा है।
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