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रोहिणी चिधायक विजेंद्र गुप्ता बन सकते हैं दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष

राष्ट्रीय            Feb 20, 2025


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

कभी दिल्ली विधानसभा से मार्शलों द्वारा निकाले गए विजेंद्र गुप्ता का विधानसभा स्पीकर बनना लगभग तय हो गया है। 14 अगस्त 1963 को जन्मे विजेंद्र गुप्ता मौजूदा समय में दिल्ली की रोहिणी विधानसभा सीट से विधायक हैं।

 वे भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का भी हिस्सा हैं। विजेंद्र गुप्ता कितने कद्दावर नेता हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2015 में जब भाजपा के सिर्फ तीन विधायक दिल्ली में चुनाव जीतने में सफल हुए थे, तब वे भी रोहिणी से विजेता रहे थे।

ऐसे में यह जानना जरूरी है कि विजेंद्र गुप्ता कौन हैं? उनका भाजपा में कितना बड़ा कद रहा है? विजेंद्र का सियासी सफरनामा क्या रहा है?

विजेंद्र गुप्ता का परिचय

विजेंद्र गुप्ता की शिक्षा दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स (एसआरसीसी) में हुई है। वह छात्र जीवन में ही एबीवीपी से जुड़ गए। विजेंद्र ने दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ का चुनाव भी लड़ा और उपाध्यक्ष  पद के लिए चुने गए।

1980: विजेंद्र गुप्ता के राजनीतिक करियर की शुरुआत हुई। वह जनता विद्यार्थी मोर्चा का हिस्सा बने थे।

1983: विजेंद्र को भारतीय जनता युवा मोर्चा केशवपुरम जिले के अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उनका चुनावी करियर 1997 में शुरू हुआ। तब उन्होंने एमसीडी में पार्षद का चुनाव जीता था।

1997 से 1998 और 2001 से 2002: वह एमसीडी में कानून और कर मामलों की समिति के अध्यक्ष भी रहे। वे रोहिणी से ही तीन बार नगरपालिका चुनाव जीत चुके हैं। वह भी बड़े वोट के अंतर से।

2002: भाजपा ने विजेंद्र को दिल्ली इकाई में सचिव पद पर नियुक्त किया।

2009: विजेंद्र गुप्ता ने चांदनी चौक लोकसभा सीट से कपिल सिब्बल के खिलाफ चुनाव लड़ा। लेकिन उन्हें हार मिली।

2010: 15 मई 2010 को विजेंद्र को दिल्ली भाजपा का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। 2013 में उन्होंने नई दिल्ली सीट से शीला दीक्षित और अरविंद केजरीवाल को चुनौती दी थी। हालांकि, उन्हें हार मिली।

आप की लहर के बावजूद 2015, 2020 में बचाया रोहिणी का किला

2015 में एक बार फिर विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में किस्मत आजमाई। आम आदमी पार्टी ने इस चुनाव में 70 में से 67 सीटें हासिल की थीं। भाजपा को जिन तीन सीटों पर जीत मिली, उनमें एक सीट विजेंद्र गुप्ता की रोहिणी की थी। इसके बाद दिल्ली विधानसभा में उन्हें नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया गया।

वहीं, 2020 में भी विजेंद्र गुप्ता ने रोहिणी की सीट पर 12 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की। 2025 में लगातार तीसरी बार विजेंद्र गुप्ता ने रोहिणी सीट से जीत दर्ज की है।

कभी स्पीकर के आदेश पर निकाले गए थे सदन के बाहर

2015 में आप की लहर में भाजपा को दिल्ली विधानसभा में तीन सीटें ही मिली थीं। लेकिन विजेंद्र गुप्ता ने विपक्ष की भूमिका निभाने में कोई कमी नहीं छोड़ी। इसी साल नवंबर में एक मौका ऐसा भी आया, जब विजेंद्र को तब स्पीकर के आदेश पर दिल्ली विधानसभा से जबरन बाहर निकलवा दिया गया था। अब 10 साल बाद यानी 2025 में जब विजेंद्र गुप्ता दिल्ली विधानसभा में लौटेंगे तो यह करीब-करीब तय है कि वह स्पीकर के पद पर होंगे और सभी विधायकों के रवैये को परखेंगे।

दरअसल, 30 नवंबर 2015 में दिल्ली विधानसभा में भाजपा विधायक ओपी शर्मा ने तब आप की विधायक रहीं अल्का लांबा के खिलाफ कुछ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। इसे लेकर आप और भाजपा विधायकों में टकराव की स्थिति बन गई थी। तब दिल्ली विधानसभा के स्पीकर राम निवास गोयल ने विजेंद्र गुप्ता को 4 बजे तक सदन से बाहर जाने के लिए कह दिया।

जब विजेंद्र ने स्पीकर के आदेश को मानने से इनकार कर दिया, तो दिल्ली विधानसभा में मार्शल बुलाए गए। इसके बाद विजेंद्र गुप्ता को जबरन मार्शलों ने कंधे पर उठाकर सदन से बाहर कर दिया। इस घटना को लेकर तब भाजपा नेता ने स्पीकर पर आप की तरफ झुकाव का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि आप के विधायकों ने भाजपा के तीन विधायकों के साथ अभद्रता की और उनके लिए गलत शब्दों का प्रयोग किया। लेकिन आप पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

 

 

 

 

 


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