मल्हार मीडिया ब्यूरो।
श्रीनगर में वरिष्ठ पत्रकार और अंग्रेजी दैनिक 'राइजिंग कश्मीर' के प्रधान संपादक शुजात बुखारी की गुरुवार को आतंकियों द्वारा हत्या की कई राजनेताओ और कई पत्रकार संगठनों ने निंदा की है। पत्रकार संगठनों ने बुखारी की हत्या के लिए जिम्मेदार लोगों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की।
गौरतलब है कि वरिष्ठ पत्रकार और अंग्रेजी दैनिक 'राइजिंग कश्मीर' के प्रधान संपादक शुजात बुखारी की गुरुवार को उनके कार्यालय के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने यह जानकारी दी। राज्य पुलिस प्रमुख एस.पी. वैद्य ने कहा, "करीब 7:15 मिनट पर बुखारी प्रेस एन्क्लेव स्थित अपने कार्यालय से बाहर आए थे और जब वह अपनी कार में थे, आतंकवादियों ने उन पर हमला कर दिया।"
उन्होंने कहा, "तीन मोटरसाइकिल सवार आतंकवादी आए और बुखारी व उनके सुरक्षाकर्मियों पर गोली चला दी। बुखारी और एक सुरक्षाकर्मी का निधन हो गया और एक अन्य गार्ड गंभीर रूप से घायल हो गया।"
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने बुखारी की हत्या पर आश्चर्य जताया।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, "शुजात बुखारी के अचानक हत्या से स्तब्ध और बहुत दुखी हूं। ईद की पूर्व संध्या पर आतंक ने अपना बदसूरत सिर उठाया है। मैं इस बिना दिमाग वाली हिंसा की कड़ी निदा करती हूं और उनके आत्मा की शांति के लिए दुआ करती हूं। मेरी गहरी संवेदना उनके परिवार के साथ है।"
पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी घटना पर गहरा दुख प्रकट किया है।
उन्होंने कहा, "शुजात को जन्नत में जगह मिले और उनके चाहने वालों को संकट की इस घड़ी में ताकत मिले।"
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिह ने भी घटना पर शोक प्रकट किया है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, "राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी की हत्या एक डरपोक कार्य है। यह कश्मीरियों की आवाज दबाने का प्रयास है। वह एक साहसी और निडर पत्रकार थे। उनकी मौत की खबर सुनकर हैरान और दुखी हूं। मेरी संवेदना उनके परिजनों के साथ है।"
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि वह वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या के बारे में सुनकर दुखी हैं। राहुल गांधी ने ट्वीट के जरिए कहा, "मैं राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी की हत्या के बारे में सुनकर दुखी हूं।"
उन्होंने कहा, "वह बहादुर व्यक्ति थे जिन्होंने जम्मू-कश्मीर में निर्भीकता से न्याय व शांति के लिए संघर्ष किया। मेरी शोक संवेदना उनके परिवार के साथ है। उनकी कमी खलेगी।"
हत्या की इस घटना को कायराना हमला करार देते हुए एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा कि बुखारी धैर्य और साहस की आवाज और बड़े दिल वाले संपादक थे जिन्होंने कश्मीर में युवा पत्रकारों के एक बड़े वर्ग का मार्गदर्शन किया।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने एक बयान में कहा, "गिल्ड जम्मू-कश्मीर की सरकार से दोषियों का जल्द नाम दर्ज करने और राज्य में मीडिया की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।"
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