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देश के 91 प्रमुख जलाशयों में जल संग्रहण की स्थिति 21 प्रतिशत

राष्ट्रीय            Jun 02, 2017


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

देश के 91 प्रमुख जलाशयों में 1 जून को समाप्त सप्ताह के दौरान 33.407 बीसीएम (अरब घन मीटर) जल का संग्रहण आंका गया। यह इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 21 प्रतिशत है। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि के कुल संग्रहण का 128 प्रतिशत तथा पिछले दस वर्षो के औसत जल संग्रहण का 105 प्रतिशत है। 25 मई को समाप्त हुए सप्ताह के अंत में यह 22 प्रतिशत थी। इन 91 जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता 157.799 बीसीएम है, जो समग्र रूप से देश की अनुमानित कुल जल संग्रहण क्षमता 253.388 बीसीएम का लगभग 62 प्रतिशत है। इन 91 जलाशयों में से 37 जलाशय ऐसे हैं, जो 60 मेगावाट से अधिक की स्थापित क्षमता के साथ पनबिजली संबंधी लाभ देते हैं।

उत्तरी क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश, पंजाब तथा राजस्थान आते हैं। इस क्षेत्र में 18.01 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले छह जलाशय हैं, जो केन्द्रीय जल आयोग (सीडब्यूसी) की निगरानी में हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 4.53 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 25 प्रतिशत है।

पूर्वी क्षेत्र में झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल एवं त्रिपुरा आते हैं। इस क्षेत्र में 18.83 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 15 जलाशय हैं, जो सीडब्ल्यूसी की निगरानी में हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 4.86 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 26 प्रतिशत है।

पश्चिमी क्षेत्र में गुजरात तथा महाराष्ट्र आते हैं। इस क्षेत्र में 27.07 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 27 जलाशय हैं, जो सीडब्ल्यूसी की निगरानी में हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 6.43 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 24 प्रतिशत है।

मध्य क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ आते हैं। इस क्षेत्र में 42.30 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 12 जलाशय हैं, जो सीडब्ल्यूसी की निगरानी में हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 13.70 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 32 प्रतिशत है।

दक्षिणी क्षेत्र में आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और इन दोनों राज्यों में दो संयुक्त परियोजनाएं, कर्नाटक, केरल एवं तमिलनाडु आते हैं। इस क्षेत्र में 51.59 बीसीएम की कुल संग्रहण क्षमता वाले 31 जलाशय हैं, जो सीडब्ल्यूसी की निगरानी में हैं। इन जलाशयों में कुल उपलब्ध संग्रहण 3.89 बीसीएम है, जो इन जलाशयों की कुल संग्रहण क्षमता का 8 प्रतिशत है।

पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में जिन राज्यों में जल संग्रहण बेहतर है उनमें पंजाब, राजस्थान, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना शामिल हैं।

पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में जिन राज्यों में जल संग्रहण बराबर है, उनमें हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना(दोनों राज्यों में दो संयुक्त परियोजनाएं) शामिल हैं। इसी अवधि के लिए पिछले साल की तुलना में कम संग्रहण करने वाले राज्यों में उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु शामिल हैं।



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