मल्हार मीडिया ब्यूरो।
अगले साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने किसानों के लिए एक और सौगात का एलान किया है। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने बुधवार को अगले पेराई सत्र 2018-19 (अक्टूबर-सिंतबर) के लिए गन्ने का लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 20 रुपये प्रतिक्विं टल बढ़ाकर 275 रुपये प्रतिक्विं टल करने के फैसले पर मुहर लगाई।
एफआरपी गन्ने का कानूनी तौर पर किसानों को दी गई गांरटी के तहत तय न्यूनतम मूल्य है।
मंत्रिमंडल की बैठक की जानकारी देते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा, "पेराई सत्र 2018-19 के लिए 10 फीसदी रिकवरी दर के आधार पर हमने गन्ने का एफआरपी 275 रुपये प्रति क्विं टल तय किया है। साथ ही, 10 फीसदी के ऊपर प्रत्येक 0.1 फीसदी रिकवरी दर के लिए 2.75 रुपये प्रति क्विंटल प्रदान किया जाएगा।"
प्रसाद ने कहा, "गन्ने का अनुमानित लागत मूल्य महज 155 रुपये प्रति क्विं टल है लेकिन हमने एफआरपी 275 रुपये प्रति क्विं टल तय किया है। यह उत्पादन लागत से 77.42 रुपये प्रति क्विं टल अधिक है।"
अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाला है। लिहाजा सरकार के इस कदम हो किसानों को लुभाने के एक प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
इसी महीने केंद्र सरकार ने 14 अधिसूचित खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) फसल वर्ष 2018-19 (जुलाई-जून) के लिए बढ़ाया है जिसमें सरकार ने कहा कि एमएसपी का निर्धारण फसलों की लागत पर 50 फीसदी प्रतिफल के आधार पर किया गया है।
चीनी उद्योग संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने अगले सीजन 2018-19 में 350-355 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान लगाया है।
प्रसाद ने कहा कि वर्ष 2018-19 में गन्ना उत्पादकों को गन्ने के लिए कुल 83,000 करोड़ रुपये पारिश्रमिक मिलने का अनुमान है।
 
                   
                   
             
	               
	               
	               
	               
	              
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