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जीएसटी - सोने पर 3 और बीड़ी पर 28 फीसदी कर

राष्ट्रीय            Jun 03, 2017


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत सोना पर 3 फीसदी और बीड़ी पर 28 फीसदी कर वसूला जाएगा। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को जीएसटी परिषद की बैठक खत्म होने पर यह जानकारी दी। इसके साथ ही जीएसटी परिषद ने सभी सामानों और सेवाओं को जीएसटी के चार स्लैब के अंतर्गत रखने का कार्य पूरा कर लिया।

वित्त मंत्री जीएसटी परिषद के अध्यक्ष हैं। उन्होंने जीएसटी परिषद की 15वीं बैठक के बाद संवाददातों से कहा, "सोना पर वर्तमान में 1 फीसदी उत्पाद शुल्क और राज्यों द्वारा 1 फीसदी वैट लगाया जाता है। इन दरों को ध्यान में रखते हुए परिषद ने काफी विचार-विमर्श के बाद सोना और सोने के जेवरों पर सर्वसम्मति से 3 फीसदी कर लगाने का फैसला किया है।"

उन्होंने कहा कि इसके अलावा अपरिष्कृत हीरे पर 0.25 फीसदी का मामूली कर लगाया गया है, 'ताकि लेन-देन का हिसाब रखा जा सके।'

वहीं, बीड़ी पत्तों या 'तेंदू' पर 18 फीसदी कर लगाया गया है, जबकि बीड़ी पर 28 फीसदी कर लगाया गया है।

जेटली ने कहा, "बीड़ी या बीड़ी पत्तों पर कोई उपकर नहीं लगाया जाएगा, लेकिन सिगरेट पर उपकर लगेगा।"

जीएसटी में 500 रुपये से कम कीमत के जूता-चप्पलों पर 5 फीसदी तथा इससे अधिक कीमत के जूता-चप्पलों पर 18 फीसदी कर लगाया गया है।

मंत्री ने कहा कि निर्मित कपड़े जिनकी कीमत 1,000 रुपये से कम होगी, उस पर 5 फीसदी कर लगेगा।

जेटली ने कहा, "सभी श्रेणी के कपड़ों पर 5 फीसदी तथा तैयार परिधानों पर 12 फीसदी कर लगेगा।"

उन्होंने कहा, "पंजीकृत ट्रेड मार्क के तहत बेचे जानेवाले खाद्य पदार्थ (जो खाद्य पदार्थ के मूल्य से अधिक कीमत पर बेचे जाते हैं) पर 5 फीसदी कर लगेगा।"

वित्त मंत्री ने कहा कि सभी तरह के महंगे-सस्ते बिस्कुट पर 18 फीसदी कर लगेगा।

उन्होंने कहा कि जीएसटी दरों पर पुर्नविचार के कई आवेदन प्राप्त हुए हैं। उन पर विचार करने के लिए यहां 11 जून को एक बार फिर जीएसटी की बैठक होगी।

वहीं, शनिवार को हुई बैठक में जीएसटी नेटवर्क (जीएसटीएन) ने 1 जुलाई से जीएसटी लागू करने को लेकर अपनी तैयारियों के बारे में विस्तृत प्रस्तुति दी।

जेटली ने कहा, "जीएसटीएन ने परिषद को आश्वस्त किया कि वह 1 जुलाई से जीएसटी को लागू करने को लेकर पूरी तरह से तैयार है।"

हालांकि बैठक के बाद पश्चिम बंगाल के वित्त मंत्री अमित मित्रा ने संवाददाताओं से बात करते हुए एक बार फिर जीएसटीएन की तैयारियों पर संदेह प्रकट किया।

उन्होंने कहा, "समूचा जीएसटी तंत्र जीएसटीएन की आईटी प्रणाली पर आश्रित है। उनके द्वारा दिए गए प्रस्तुतिकरण में यह स्पष्ट दिख रहा था कि वे अभी तैयार नहीं हैं और उन्हें अधिक समय की जरुरत है। उन्होंने पूरे देश में 34 सुविधा प्रदाताओं को नियुक्त किया है, क्या यह पर्याप्त होंगे।"

उन्होंने कहा, "हम जीएसटी का विरोध नहीं कर रहे। हम इसके समर्थन में हैं। लेकिन 1 जुलाई की समयसीमा को आगे बढ़ाया जाना चाहिए। इस पर अभी और चर्चा की जरूरत है।"

जेटली से यह पूछे जाने पर कि परिषद की बैठक में मित्रा का क्या रुख था। जेटली ने कहा कि "उन्होंने अपनी राय नहीं दी।"



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