मल्हार मीडिया ब्यूरो।
पटना। बिहार मंत्रिपरिषद ने बडा फैसला लेते हुवे गत एक अप्रैल के प्रभाव से प्रदेश के कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और नियोजित स्कूल शिक्षकों को पुनरीक्षित वेतनमान दिए जाने को मंजूरी प्रदान कर दी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में संपन्न राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव ब्रजेश महरोत्रा ने पत्रकारों को बताया कि पूर्व मुख्य सचिव जी एस कंग की अध्यक्षता में गठित राज्य वेतन आयोग की अनुशंसा के आलोक में मंत्रिपरिषद ने प्रदेश के कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और नियोजित स्कूल शिक्षकों को पुनरीक्षित वेतनमान दिए जाने को मंजूरी प्रदान कर दी। इससे पहले कंग ने अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उनके सरकारी आवास पर सौंपी थी।
मंत्रिपरिषद द्वारा नये वेतनमान को मंजूरी दिए जाने का लाभ प्रदेश के 3.65 लाख कर्मचारियों, 6 लाख पेंशनभोगियों, 3.6 लाख वेतनमान पा रहे नियोजित शिक्षको को मिलेगा। राज्य वेतन आयोग की अनुशंसा के मद्देनजर राज्य के कर्मियों को पे मैट्रिक्स आधारित वर्ष 2016 के जनवरी महीने से वैचारिक तथा गत एक अप्रैल से वास्तविक रूप से अनुमान्य किया जाता है। प्रदेश के 3.65 लाख कर्मचारियों, 6 लाख पेंशनभोगियों को सातवें वेतन का लाभ देने के लिए 5,000 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है। मंत्रिपरिषद ने किफायती आवास और मलिन बस्ती पुनर्वास एवं पुनर्विकास आवास नीति 2017 को भी स्वीकृति प्रदान कर दी है। मंत्रिपरिषद ने निजी क्षेत्र में मधुबनी जिला सिजौल में संदीप विश्वविद्यालय और नालंदा जिला के बिहारशरीफ में के के विश्वविद्यालय की स्थापना एवं संचालन की अनुमति प्रदान कर दी है।
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