मल्हार मीडिया डेस्क।
पाकिस्तान के सिंध प्रांत के सहवान कस्बे में स्थित मशहूर लाल शाहबाज कलंदर दरगाह के भीतर गुरुवार को हुए आत्मघती विस्फोट में करीब 80 लोगों के मारे जाने की खबर है, जबकि 250 ये ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। इस दरगाह को शिया मुसलमानों के लिए प्रसिद्ध इबादत गाह भी माना जाता है। इस आत्मघाती हमले के पीछे ISIS का हाथ बताया जा रहा है।
पाकिस्तान में एक हफ्ते के भीतर यह पांचवां आतंकी हमला हुआ है। पुलिस के अनुसार यह धमाका सूफी रस्म 'धमाल' के दौरान हुआ। विस्फोट के समय दरगाह के परिसर के भीतर सैकड़ों की संख्या में जायरीन मौजूद थे।
तालुका अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक मोइनुद्दीन सिद्दीकी ने बताया कि कम से कम 50 से ज्यादा शवों और 250 से अधिक घायलों को अस्पताल लाया गया है। इलाके के अस्पतालों में आपात स्थिति घोषित कर दी गई है। घटनास्थल से अस्पतालों की दूरी बहुत अधिक है। सबसे निकट चिकित्सा परिसर 40 से 50 किलोमीटर की दूरी पर है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तारिक विलायत ने बताया कि शुरुआती रिपोर्ट से पता चलता है कि यह आत्मघाती विस्फोट है। विस्फोट दरगाह में महिलाओं के लिए आरक्षित क्षेत्र में हुआ।
विलायत ने कहा, 'सहवान पुलिस की ओर से प्रदान की गई शुरुआती सूचना के अनुसार यह आत्मघाती विस्फोट मालूम पड़ता है. मैं सहवान जा रहा हूं।' बचाव अधिकारियों ने कहा कि पर्याप्त एंबुलेंस नहीं होने की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है। हफ्ते में गुरुवार के दिन बड़ी संख्या में लोग दरगाह जाते हैं।
विलायत ने कहा, 'हैदराबाद और निकट के स्थानों से एंबुलेंस को मौके पर भेजा गया'। सिंध प्रांत के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह ने तत्काल बचाव अभियान चलाने का आदेश दिया और सरकार ने हैदराबाद एवं जमशुरू जिलों के अस्पतालों में आपात स्थिति घोषित कर दी है।
लाल शाहबाज कलंदर सूफी दार्शनिक-शायर थे। सूफी दरगाह पर यह हमला उस वक्त हुआ है जब एक दिन पहले ही पाकिस्तान सरकार ने देश में आतंकी हमलों में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए उन सभी तत्वों को मिटाने का संकल्प लिया था जो देश में शांति और सुरक्षा पर खतरा पैदा कर रहे हैं।प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने देश में सुरक्षा हालात की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की जिसमें यह फैसला लिया गया।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया, 'बैठक में देश में पनपने वाले आतंकवाद या बाहर से अंजाम दिए जा रहे या प्रश्रय पाने वाले आतंकवाद के खात्मे का तथा देश की शांति एवं सुरक्षा पर खतरा पैदा कर रहे तत्वों को सरकार की ताकत से मिटाने का संकल्प लिया गया।' बैठक में आतंकवाद एवं अतिवाद के भौतिक एवं वैचारिक खात्मे के संकल्प को दोहराया गया।
गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में भी बलूचिस्तान प्रांत में एक मशहूर सूफी दरगाह में धमाका हुआ था जिसमें 50 से ज्यादा लोग मारे गए थे। उस वक्त भी धमाका उसी समय हुआ था जब वहां 'धमाल' चल रहा था। उस वक्त आतंकी संगठन आईएसआईएस ने घटना की जिम्मेदारी ली थी।
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