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इंदौर में है गुस्सा निकालने का अड्डा भड़ास कैफे

राष्ट्रीय            May 27, 2017


इंदौर से बसंत पाल।

अगर गुस्सा आ रहा है और वह निकल नहीं रहा है तो इंदौर चले जाईये यहां है भड़ास कैफै सिर्फ गुस्सा निकालने के लिये। यहां आप तोड़फोड़ भी कर सकते हैं।
गुस्से का कोई इलाज नहीं होता लेकिन, यदि गुस्सा निकल जाए तो उसे शांत होने में भी देर नहीं लगती। सबसे बड़ा सवाल ये कि गुस्सा निकले कहाँ? न तो अपनों पर गुस्सा निकाला जा सकता है न गैरों पर। इसी समस्या का हल ढूंढा गया है इंदौर में खुले 'भड़ास कैफे' में। विदेशी तर्ज पर समय की जरुरत के अनुरुप ये कैफे खुला है। मन में दबे आक्रोश को व्यक्त करने के कई तरीकों के साथ इस कैफे को आकार दिया गया है।

मध्यप्रदेश के इंदौर में भड़ास अपनी तरह का एक अनोखा डेस्टीनेशन है जहां आप जितना चाहे और जितनी तीव्रता से चाहे अपना गुस्सा व्यक्त कर सकते हैं। यदि आप ऑफिस के काम के कारण बॉस पर गुस्सा हैं तो कम्प्यूटर व ऑफिस फर्नीचर को तहस-नहस करके अपना गुस्सा व्यक्त कर सकते है। यदि घर परिवार पर या पत्नी पर गुस्सा हैं तो घरेलू सामान व बरतनों को तोड़कर अपना गुस्सा उतारिए। प्रेम में धोखा हुआ है तो प्रेमिका के सांकेतिक उपहारों को तोड़े डालिए। व्यक्ति विशेष पर गुस्सा निकालने के लिए उसके फोटो पर बाक्सिंग के पंच मारे और दिल का गुबार फिर भी न निकले तो एक बंद कमरे में जाकर चिल्ला लें या जोर होए से रोकर मन को शांत कर लें। ख़ास बात ये कि यह सब आप एकदम अकेले में कर सकते हैं, जहां आपको कोई देखने वाला नहीं होगा।

विदेशों में गुस्सा निकालने के लिए 'एंगर रुम' मिल जाते हैं। लेकिन, 'भड़ास कैफ़े' में एक अनूठी बात है जो दुनिया में कहीं और नहीं मिलेगी। यदि आप तोड़-फोड़ से थककर शांत मन से अपने पसंदीदा माहौल में वक़्त गुजारना चाहते हैं या सुकून के कुछ पल बिताना चाहते हैं, तो वह सुविधा सिर्फ 'भड़ास कैफ़े' में मिलेगी। खूबसूरत फूल और पौधों के बीच झरने की कल-कल में बैठना है या अपनी पसंद का कोई संगीत वाद्य स्वयं बजाकर स्वर लहरियों में खो जाना चाहते हैं तो यह आपकी मर्जी है। रंगों से खेलते हुए मनचाही पेंटिंग बनाए अथवा किताबों की दुनिया में खो जाए। स्पोर्ट्स एरिया में जिम का आनंद ले अया बचपन के खेल कंचे, लट्टू या चोपड़ इत्यादि का मजा ले सकते है। मिलेट्री एरिया में जाकर स्वयं एक फौजी बन जाए और यदि सिर्फ ध्यान और योगा करना चाहे तो वह भी कर सकते हैं।

'भड़ास कैफ़े' के संचालक अतुल मलिकराम ने बताया कि हमारी संस्कृति में हम गुस्से को व्यक्त करना ठीक नहीं मानते। व्यक्ति हर छोटे-बड़े गुस्से को मन में दबाकर रख लेता है। कभी रिश्तों का कभी नौकरी का व कभी समाज के भय से आक्रोश व्यक्त नहीं करते। मैंने जब विदेशो में एंगर रुम देखे तो मुझे लगा कि इसकी जरुरत तो हमारे देश में भी है। इसी विचार ने 'भड़ास कैफ़े' को आकार दिया। हमने एंगर रुम से अलग एक और सुविधा जोड़ दी है कि आप अपने पसंदीदा माहौल में सुकुन के पल बिताए और यह निश्चित रुप से आपको तनाव से दूर कर देगा।

इसके साथ ही हमने यहां आने वालों की सुरक्षा व प्राइवेसी पर भी पूरा ध्यान दिया है। आप किस पर कितना गुस्सा निकाल रहे है क्या तोड़ रहे है यह सिर्फ आप तक ही सीमित रहेगा। तोड़फोड़ करने के लिए सुरक्षा का भी पूरा ध्यान भड़ास में रखा गया है। ट्रेक सूट, चश्मा, हेलमेट, ग्लव्ज से लेस होकर पूरी ताकत से मन में दबे गुस्से को निकाले आपको चोट लगने की कोई संभावना नहीं हैं। युवाओं में इस कैफ़े के लिए बहुत उत्सुकता है और ये सभी 'भड़ास' में आकर एक नया अनुभव लेना चाहते है। इस कैफ़े में आने के लिए उम्र की कोई सीमा नहीं है। गुस्से को व्यक्त करने की कोई उम्र नहीं होती है और तोड़फोड़ के अलावा मनपसंद माहौल में सकुन के कुछ पल बिताने की इच्छा तो हर एक के मन में रहती है। यहां आने पर जो अनुभव होगा वह शब्दों से परे है।

 



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