मल्हार मीडिया ब्यूरो।
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोषी एजी पेरारिवलन को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। उसकी जल्द ही रिहाई होगी। उसे उम्रकैद हुई थी। वह 32 साल की सजा काट चुका है। अदालत ने उसे अच्छे आचरण, शैक्षिक योग्यता और बीमारी के आधार पर जमानत दी है। इस मामले में 7 लोगों को उम्रकैद हुई थी। इनमें से 6 अभी जेल में हैं।
47 साल के पेरारिवलन की याचिका पर दो जस्टिस एल. नागेश्वर राव और बीआर गवई ने मामले की सुनवाई की। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि दोषी 30 साल से अधिक समय से जेल में है। पैरोल की अवधि के दौरान उसका आचरण संतोष जनक रहा है। हमारा विचार है कि उसे जमानत पर रिहा किया जाना चाहिए।'
पेरारिवलन ने शीर्ष कोर्ट में एक जमानत याचिका दायर की थी। पेरारिवलन ने अपनी याचिका में कहा कि तमिलनाडु सरकार उसकी रिहाई का आदेश दे चुकी है, लेकिन राज्यपाल और केंद्र सरकार इसे मंजूर नहीं कर रही। कोर्ट ने तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि के इस रुख पर नाराजगी जताई और रिहाई की सिफारिश को लेकर उन पर सवाल उठाया।
सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख लहजे में कहा कि क्या इस मामले में राज्य के राज्यपाल का कोई अपना विवेक है? कोर्ट ने राज्यपाल के उस फैसले की आलोचना की, जिसमें राज्यपाल ने करीब ढाई साल बाद राष्ट्रपति को राज्य सरकार की सिफारिश भेजी थी।
राजीव गांधी की हत्या को लेकर पेरारीवलन समेत सात लोगों को टाडा और सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। जिसके बाद सभी दोषियों ने कोर्ट में दया याचिका दायर की। दया याचिका में सुनवाई देर से हुई जिसके चलते कोर्ट ने मौत की सजा को उम्र कैद की सजा में बदल दिया था।
इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने उसकी उम्र कैद को भी खत्म करने और रिहा करने के लिए एक रेजोल्यूशन पास किया। जिसके बाद ये मामला गवर्नर और बाद में राष्ट्रपति के पास चला गया। राज्यपाल के मुताबिक, किसी भी तरह का फैसला लेने का अधिकार राष्ट्रपति के पास ही है।
याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार की मंजूरी के बाद भी राज्यपाल कोई फैसला नहीं ले रहा है और न ही कोई आदेश पारित कर रहा है। कोर्ट ने कहा कि अगर राज्यपाल ऐसे मामलों पर फैसला नहीं लेता है तो पेरारीवलन की जमानत पर फैसला हम लेंगे। इधर, पेरारीवलन ने कोर्ट को बताया कि वह परोल के नियम का पालन कर रहा है और वह घर पर है। उसने कोर्ट को कहा कि वह परोल की सभी शर्तों का पालन कर रहा है, ऐसी स्थिति में उन्हें जमानत दिया जाना चाहिए।
राजीव गांधी 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक चुनावी रैली को संबोधित करने गए थें। इस दौरान धनु नाम की एक महिला ने आत्मघाती हमले में उनकी हत्या कर दी। धनु समेत 14 लोग मारे गए। ये भारत के इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा आत्मघाती हमला था जिसमें कोई हाई प्रोफाइल लीडर की हत्या कर दी गई थी।
गांधी की 21 मई, 1991 की रात को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक महिला आत्मघाती हमलावर द्वारा हत्या कर दी गई थी, जिसकी पहचान धनु के रूप में एक चुनावी रैली में हुई थी। मई 1999 के शीर्ष अदालत ने पेरारिवलन, मुरुगन, संथम और नलिनी समेत 7 लोगों दोषी ठहराया।
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