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लोकसभा की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ी

राजनीति            Jul 27, 2017


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

भीड़ द्वारा पीट पीटकर हत्या (लिंचिंग) की घटनाओं पर चर्चा की मांग को लेकर लोकसभा में विपक्ष ने गुरुवार को भी हंगामा किया जिसके कारण कार्यवाही बाधित हुई। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि मुद्दे पर चर्चा का फैसला कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में लिया जाएगा।

सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे शुरू होने के बाद थोड़ी देर के लिए स्थगित कर दी गई।

जब कार्यवाही दोबारा शुरू हुई, तो कांग्रेस सांसदों की नारेबाजी के बीच प्रश्नकाल फिर शुरू हुआ। कांग्रेस सदस्य अध्यक्ष की आसंदी के निकट खड़े थे।

प्रश्नकाल के बाद अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों को मुद्दे पर बोलने की अनुमति दी। उन्होंने कहा कि वह चर्चा के खिलाफ नहीं हैं।

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने हालांकि कहा कि चर्चा के लिए दो नोटिस दिए जा चुके हैं।

खड़गे ने कहा, "आप तैयार हैं, लेकिन सरकार तैयार नहीं है।"

खड़गे ने कहा कि पहला नोटिस संक्षिप्त चर्चा के लिए नियम 193 के तहत जारी किया गया और बाद में विपक्ष ने एक बार फिर स्थगन प्रस्ताव के तहत नोटिस दाखिल की, लेकिन चर्चा नहीं कराई गई।

खड़गे ने कहा, "जब हम आपसे मिले तो मैं इस बात पर बहुत खुश हुआ कि आपने कहा कि आप चर्चा के लिए तैयार हैं और हमें सरकार को तैयार करना चाहिए।"

अध्यक्ष ने तत्काल टोकते हुए कहा, "मेरी बातों को तोड़ मरोड़कर मत पेश कीजिए।"

खड़गे ने हालांकि जोर दिया कि अध्यक्ष ने कहा था कि वह चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन सरकार तैयार नहीं है।

महाजन ने कहा, "मैंने कहा, मैं चर्चा के लिए तैयार हूं, लेकिन हर किसी को तैयार होना चाहिए। यही कारण है कि आज कार्य मंत्रणा समिति की बैठक है।"

खड़गे ने टोकते हुए कहा कि कांग्रेस अपने छह सांसदों का निलंबन निरस्त करने के लिए नहीं कहेगी। इस पर महाजन ने कहा कि इन सांसदों ने अभी तक माफी नहीं मांगी है।

खड़गे ने कहा कि हम इस मुद्दे पर जोर नहीं देंगे लेकिन हम सार्वजनिक महत्व के इस मुद्दे (लिंचिंग) को उठाना चाहते हैं।

महाजन ने कहा, "आपका इससे क्या मतलब है कि आप इसके बारे में नहीं कहेंगे? आपने (निलंबित सांसदों ने) अभी तक माफी नहीं मांगी है।"

जैसे ही खड़गे ने चर्चा के लिए कहा, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय ने उनका साथ देते हुए कहा कि अगर संभव हो, तो चर्चा गुरुवार से ही शुरू होनी चाहिए।

उन्होंने कहा, "मॉब लिंचिंग एक गंभीर मुद्दा है। अगर संभव हो तो हमें आज से ही तत्काल चर्चा शुरू कर देनी चाहिए।"

मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के सदस्य मोहम्मद सलीम ने कहा, "पिछले दो सप्ताह से हम स्थगन प्रस्ताव के तहत नोटिस दे रहे हैं। मॉब लिंचिंग में 50 लोगों की जान जा चुकी है। लोग भयाक्रांत हैं। अगर हम इसपर चर्चा नहीं करेंगे, तो कौन करेगा?"

महाजन ने कहा, "मैंने किसी भी मुद्दे पर चर्चा से इनकार नहीं किया है। मैंने नहीं कहा कि स्थगन प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए, मैंने केवल कहा कि मैं प्रश्नकाल निलंबित नहीं करूंगी।"

उन्होंने कहा, "इस तरह के मुद्दों पर सबको विश्वास में लेना चाहिए।"

इस बीच केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि विपक्ष सदन से बाहर हुई हिंसा पर तो चर्चा करना चाहता है, लेकिन उस घटना पर नहीं बोलना चाहता, जब अध्यक्ष पर कागज के टुकड़े फेंके जाते हैं।

अध्यक्ष ने कहा कि अंतिम फैसला कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में लिया जाएगा।

इसके बाद उन्होंने शून्यकाल की कार्यवाही शुरू की, लेकिन विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा।

सदन की कार्यवाही बाद में भोजनावकाश के लिए स्थगित कर दी गई।



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