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शशिकला ने पन्नीरसेल्वम को कहा गद्दार,बोलीं असली चेहरा अब दिख रहा है

राजनीति            Feb 13, 2017


मल्हार मीडिया ब्यूरो।
तमिलनाडु में सरकार गठन का अभी कोई हल निकलता नहीं दिखाई दे रहा है। AIADMK की जनरल सेक्रेटरी शशिकला नटराजन ने पोएस गार्डन स्थित घर पर समर्थकों के बीच कहा, "पार्टी को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। गद्दार पन्नीरसेल्वम का असली चेहरा अब दिख रहा है। हमने 33 साल में ऐसे 1000 पन्नीरसेल्वम देखें हैं। इसलिए मैं डरती नहीं हूं।" बाद में शशिकला ने घर पर मीडिया से भी बातचीत की। इस दौरान उन्होंने बताया कि जयललिता की मौत की रात (5 दिसंबर 2016) उन्होंने क्यों नहीं सीएम पोस्ट संभाली। उधर, केयरटेकर सीएम पन्नीरसेल्वम सोमवार को सीएम ऑफिस लौट आए और उन्होंने काम भी किया।

तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी AIADMK की वीके शशिकला और कार्यकारी सीएम ओ पन्नीरसेल्वम ने सोमवार को राज्य के गवर्नर सी विद्यासागर राव को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। हालांकि पांच दिन पहले हुई मुलाकात का अभी तक कोई नतीजा सामने नहीं आ पाया है। इस बीच पार्टी के कुछ और नेताओं ने पन्नीरसेल्वम का साथ पकड़ लिया है - जिनके पास अभी तक करीब 10 सांसद और छह विधायक हैं और उन्होंने जोर देकर कहा है कि अगर सभी विधायकों को छोड़ दिया जाए तो वह सदन में बहुमत साबित कर सकते हैं। उनका इशारा उन 127 विधायकों की तरफ है जिन्हें पिछले बुधवार चेन्नई के बाहर एक होटल में पार्टी प्रमुख शशिकला द्वारा कथित तौर पर नजरबंद करके रखा गया है। हालांकि शशिकला ने पन्नीरसेल्वम के इस आरोप को नकारा है कि इन विधायकों को कैद करके रखा गया है।

सूत्रों की मानें तो पन्नीरसेल्वम की रणनीति फिलहाल शशिकला के कैंप से कुछ और विधायकों को अपनी और खींचने की है। वह बस यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि कैसे भी करके शशिकला के पास 117 विधायक न बचें और वह 235 सदस्यों की विधानसभा में बहुमत साबित न कर पाएं। इधऱ पन्नीरसेल्वम ने फिलहाल गवर्नर के कहने पर अंतरिम मुख्यमंत्री बने हुए हैं और अगला फैसला आने तक वह रोजमर्रा का काम संभालेंगे।

उधर शपथ ग्रहण नहीं होने और सांसदों के साथ छोड़कर चले जाने के बीच अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला ने रविवार को कहा कि एक महिला के लिए राजनीति में रहना बहुत मुश्किल है। ऐसा उन्होंने जयललिता के समय भी देखा था। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि विधायक उनके साथ हैं। उन्होंने कहा, 'अन्नाद्रमुक महासचिव होने के नाते मैं कह सकती हूं कि अन्नाद्रमुक सरकार निश्चित ही अगले साढ़े चार साल तक बनी रहेगी और लोगों की सेवा करती रहेगी।'



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