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किसानों की मौत पर बिछती सियासी बिसात और सिंधिया का दौरा

राजनीति            Jul 13, 2017


इछावर से राजेश शर्मा।
कांग्रेस द्वारा मुख्यमंत्री के लिए लगभग प्रोजेक्ट किए जा चुके ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सीहोर से ही सीधी लड़ाई का बिगुल फूंक दिया है। वे गुरुवार को सीहोर जिले के उन किसानों के घर पहुंचे जो आत्महत्या कर चुके हैं। उनके परिजनों से मुलाकात कर ढांढस बंधाया और कहा कि भले ही प्रदेश का मुख्यमंत्री आपकी सुध न ले लेकिन मैं प्रदेश के हर किसान के दुख में सहभागी हूँ। प्रदेश की सरकार और उसके संरक्षित साहुकार किसानों के दुश्मन बने हुए हैं। हम उससे निपटना जानते हैं।

किसानों के शोकाकुल परिजनों से मुलाकात के बाद वे इछावर में आयोजित श्रद्धांजलि सभा मे भी शामिल हुए। उनके कन्धे से कन्धा मिलाकर कांग्रेस के कद्दावर नेता सुरेश पचौरी चल रहे थे दोनों ही नेताओं ने पीएम मोदी और सीएम शिवराज पर जिस अंदाज़ मे निशाना साधा उससे साफ जाहिर हो गया कि वे किसानों के शव पर सीहोर से मिशन 2018 की शुरुआत कर रहे हैं। सीहोर में शिवराज की घेराबंदी राजनीतिक हल्कों मे चर्चा का विषय बन गई है।

शिवराज विरोधी भी कांग्रेस की बड़ती सक्रीयता और जमते पैरों को परोक्ष रुप से सहयोग प्रदान करते सुने जा रहे हैं। शेर का शिकार उसी की मांद मे करने निकली कांग्रेस आज भी खुद की गुटबाजी से परे नहीं दिखाई देती। श्रद्धांजलि सभा भी शक्ति प्रदर्शन, आमसभा जैसी दिखाई पड़ती है। लगता तो ऐसा भी है कि अनुभवहीन,अनाड़ी,अदूरदर्शी, अपरिपक्व कांग्रेस कार्यकर्ताओं की जमात कहीं उत्साह मे अधिक, विश्वास मे कम है।

फिर भी शिवराज को उन्हीं के गृह जिले मे घेरने का कांग्रेसी प्रयास कई मायनों मे सफल राजनीति एंव कूटनीति का फिलहाल एक उदाहरण कहा जा सकता है।

शिवराज घिर गए हैं अपने ही जिले मे इस सच्चाई से इन्कार भी नहीं किया जा सकता। शिवराज ने जिन नेताओं की पिछले 5 साल से अनदेखी कर रखी थी वे अब उन्हीं के लिए मुसीबत साबित हो रहे हैं और पर्दे के पीछे से कांग्रेस का सपोर्ट कर रहे हैं इसी का पूरा-पूरा लाभ उठाने मे कांग्रेस भी कोई कौर-कसर बाकी नहीं रख रही।

इन्हीं कारणों के चलते कहा जा सकता है कि सिंधिया , पचौरी का गुरुवार का दौरा सीहोर जिले के सांथ-सांथ प्रदेश के राजनीति के भविष्य की दिशा तय करने वाला साबित हो सकता है।

 



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