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Wed, 28 May 2025

मोदी-शाह आडवाणी को रायसीना हिल्स भेजते क्यों?

राजनीति            Jun 19, 2017


उत्तराखंड से पवन लालचंद।
सियासत का ये दस्तूर भी अजब है। लालकृष्ण आडवाणी बीजेपी को देश में खड़ा करने वालों में अग्रणी रहे हैं। गोवा में पोस्ट गोधरा जब तब के पीएम वाजपेयी गुजरात सीएम को राजधर्म की नसीहत दे रहे थे। मोदी के इस्तीफे की भी बात आयी लेकिन बीजेपी के लौह पुरुष आडवाणी ढाल बन गये। उसके बाद वक़्त का पहिया घूमता कहां और सियासी चक्र जहाँ पहुँचा वो इतिहास सामने है। मोदी विरोध में भले राजनीतिक पंडित कह लें कि शीर्ष राजनीतिक पुरुष को पार्टी नेतृत्व ने प्रेज़िडेंट इन वेटिंग बना दिया। जबकि लालकृष्ण आडवाणी को रायसीना हिल्स भेजने से पीएम मोदी को ज्यादा राजनीतिक नफ़ा होना नहीं था।

और मोदी-शाह आडवाणी को रायसीना हिल्स भेजते भी क्योंकर? जब प्रणव दा जैसे राजनयिक राष्ट्रपति भवन में बैठते ही उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन को हरी झंडी से लेकर कई अवसरों पर कांग्रेस को संदेश देते दिखाई दिये। उन्नीस बाद जाने कैसी सियासी परिस्थितियाँ बने ये खतरा पीएम मोदी क्यों मोल लें।

आखिर लोकसभा चुनाव 2019 के नतीजों के समीकरण उलटफेर हो जाये तो राष्ट्रपति भवन पर सारा दारोमदार रहेगा। जबकि बिहार गवर्नर रामनाथ कोविंद को रायसीना रेस जिताने का सीधा फ़ायदा 2019 की रेस में बढत के साथ साथ चुनाव नतीजों के समीकरण साधने में भी मददगार हो सकता है। उस सब से ऊपर दलित चेहरे को राष्ट्रपति भवन भेजने की मंशा जाहिर है मोदी ने विरोध करने वालों को पुनर्विचार पर मजबूर कर दिया है। बसपा सुप्रीमो मायावती के लिये तो आगे का संकट खड़ा होता दिख ही रहा है बाक़ियों की हालत भी खराब।

फेसबुक वॉल से।

 



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