मल्हार मीडिया।
मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव ने बजट को महज फर्जी आंकड़ों की बाजीगरी और जनविरोधी बजट बताते हुए कहा कि पहले से ही महंगाई की मार झेल रहे आम उपभोक्ताओं के आंसू पोछने का बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया है। कुल मिलाकर बजट में जहां फर्जी आंकड़ों की शाब्दिक जुगाली कर वित्त मंत्री ने प्रदेश की जनता को फरेब परोसा है। बुनियादी नागरिक सुविधाओं का बजट में पूरी तरह मखौल उड़ाया गया है, वहीं वित्तीय कुप्रबंधन के चलते आमजन, अजा-अजजा, किसानों, महिलाओं, नौजवानों और छात्र-छात्राओं के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं किये गये हैं।
बजट के पूर्व प्रदेश सरकार द्वारा जारी वर्ष 2016-17 के प्रस्तुत आर्थिक सर्वेक्षण और बजट का यदि आंकलन किया जाये तो यह पता लगाना मुश्किल है कि सच कौन बोल रहा है। मनगढंत और झूठे आंकड़े परोसकर आम नागरिकों को ठगा गया है। सरकार का बजट और कर्ज दोनों समान तराजू पर तौले जा सकते हैं। श्री यादव ने कहा कि इस बजट के माध्यम से आमजनों को उम्मीद थी कि समूचे देश में सिर्फ और सिर्फ मध्यप्रदेश ही एक ऐसा राज्य है जो अतंर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में प्रति बेरल बेहद कमी के बावजूद सबसे महंगा पेट्रोल-डीजल बैच रहा है, इससे उसे राहत मिलेगी, किन्तु वित्त मंत्री ने जनता के साथ इस मामले में राजनैतिक डकैती की है।
श्री यादव ने यह भी कहा कि बजट में सातवें वेतन आयोग को लागू किये जाने की बात तो कही गई है किन्तु छठवें वेतन आयोग की सिफारिशों की विसंगतियों को आज तक दूर नहीं किया गया है, जबकि मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इसे ‘‘जस का तस’’ लागू किये जाने की बात कही थी। इन परिस्थितियों में सातवां वेतन आयोग किस स्वरूप में लागू होगा? उन्होंने प्राथमिक एवं उच्च शिक्षा, चिकित्सा-शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, फसल, सिंचाई, कुपोषण, पोषण आहार, अवैध उत्खनन, स्वच्छ पेयजल, रोजगार, सड़क निर्माण, उद्योगों, अल्पसंख्यकों के कल्याण जैसे महत्वूपर्ण मुद्दों पर वित्त मंत्री ने बजट में अनदेखी की है।
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