मल्हार मीडिया ब्यूरो।
नई दिल्ली। कांग्रेस ने शनिवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आवास पर जम्मू एवं कश्मीर के मौजूदा हालात पर अपने नीति नियोजन समूह की पहली बैठक की और राज्य के मौजूदा हालात पर 'गहरी चिंता' जताई। बैठक के दौरान पार्टी नेताओं ने कश्मीर घाटी के हालात पर 'स्वतंत्रतापूर्वक तथा स्पष्ट रूप से' अपनी बात रखी।
बैठक में जम्मू एवं कश्मीर में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करने वाले गुलाम नबी आजाद, कर्ण सिंह, रिगजिन जोरा, तारिक हमीद कारा, श्याम लाल शर्मा तथा गुलाम अहमद मीर जैसे नेता शामिल हुए।
कांग्रेस नेता अंबिका सोनी ने बताया कि नेताओं ने घाटी के हालत पर गहरी चिंता जताते हुवे कहा कि पिछले कई दशकों के दौरान जम्मू एवं कश्मीर में कांग्रेस के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की सरकार ने जो कदम उठाए थे, वे सभी बेकार हो गए हैं। संप्रग सरकार तथा कांग्रेस नेतृत्व द्वारा विभिन्न स्तरों पर किए गए उपायों का एक इतिहास है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कश्मीर घाटी में व्यापक विरोध प्रदर्शनों के बाद मनमोहन सिंह के नेतृत्व में शुक्रवार को इस समूह का गठन किया था। यह कदम ऐसे समय में उठाया गया, जब जम्मू एवं कश्मीर के कांग्रेसी और नेशनल कांफ्रेस के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की थी। कांग्रेस जम्मू एवं कश्मीर की मौजूदा स्थिति को न संभाल पाने के लिए मोदी सरकार और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भाजपा गठबंधन सरकार की आलोचना करती रही है। अंबिका सोनी ने कहा कि अगली बैठक के बारे में फैसला मनमोहन सिंह करेंगे।
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