मल्हार मीडिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मनमोहन सिंह पर की गई टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया उबल पड़ा है। ट्विटर पर लोगों ने पीएम मोदी को निशाने पर ले लिया। ट्विटर पर बुधवार (8 फरवरी) को #JaahilPMModi ट्रेंड कर रहा था। इस पर लोग मोदी के तंज कसने के खिलाफ ट्वीट कर रहे थे। कोई कह रहा था कि मोदी को ऐसा नहीं कहना चाहिए था। वहीं किसी ने कहा कि मोदी ने विधानसभा चुनाव में हार के डर से अपना मानसिक संतुलन खो दिया है। एक ने लिखा, 5 सालों में मोदीजी पीएम पद की गरिमा को सड़क छाप नेता के लेवल पर लाकर ही दम लेंगे’, दूसरे ने कहा, ‘मोदी राज्यसभा मे आज फिर से प्रधानमंत्री पद की गरिमा को बरबाद कर रहे हैं’, तीसरे ने कहा, ‘आज कोयले ने हीरे का अपमान किया है राज्यसभा में । आप उनके पैरों की धूल भी नहीं हो साहेब।’
इसके अलावा भी कुछ ट्वीट आए। एक ने लिखा, ‘लोगों ने अनपढ़ प्रधानमंत्री चुन लिया है जो हमेशा लोगों की बेइज्जती करता रहता है।’ दूसरे ने लिखा, ‘मोदी का असली चेहरा सामने आ गया, पता लग गया कि वह ट्रोल करने वाले बकवास लोगों को क्यों फॉलो करते हैं’, अगले ने लिखा, ‘मोदी द्वारा बोली गई भाषा किसी ट्रोल की तरह थी। पूर्व पीएम के लिए ऐसी बात करना ठीक नहीं’, अगले ट्वीट में लिखा गया, ‘मोदी के संसद में दिए हुए भाषण को सुन के मैं शर्म के साथ कहता हूं की मेरा PM न सिर्फ मंदबुद्धि बल्कि बदनीयत भी है।’
प्रधानमंत्री ने मनमोहन की मौजूदगी में राज्यसभा में कहा कि उनके कार्यकाल में इतने भ्रष्टाचार हुए लेकिन वह बेदाग़ रहे। मोदी ने कहा कि बाथरूम में रेनकोट पहनकर नहाने की कला कोई मनमोहन से सीखे. ‘बाथरूम में रेनकोट पहनकर नहाने की कला तो सिर्फ डॉक्टर साहब के पास थी।’ दरअसल, मोदी कांग्रेस के कार्यकाल में हुए घोटालों का जिक्र करते हुए इस बात पर आए। उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह के कार्यकाल में इतने घोटाले हुए फिर भी उनपर कोई दाग नहीं लगा। उन्होंने यह भी कहा कि मनमोहन सिंह 30-35 साल तक देश के बड़े आर्थिक फैसले लेने वाले लोगों के समूह में बने रहे थे।
मनमोहन सिंह ने इस मामले पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा कि वे इस पर बोलना नहीं चाहते हैं। राज्य सभा सांसद और कांग्रेस के नेता आनंद शर्मा ने कहा कि मोदी ने इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह का अपमान किया है।
मनमोहन सरकार में वित्त मंत्री रहे पी चिदंबरम ने कहा, ''राज्यसभा से वॉकआउट विरोध के लिए है। इस तरह की कठोर और अमर्यादित टिप्पणी स्वीकार नहीं की जाएगी। आज तक किसी प्रधानमंत्री ने किसी पूर्व प्रधानमंत्री पर इस तरह की टिप्पणी नहीं की थी।
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