मल्हार मीडिया ब्यूरो।
भारतीय जनता पार्टी के विधायक ज्ञान देव आहूजा ने सोमवार को कहा कि उन्हें पहलू खान की मौत का कोई पछतावा नहीं है। एक डेरी फार्मर के तौर पर काम करने वाले पहलू की अलवर में गौरक्षकों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। राजस्थान असेंबली के बाहर अलवर के विधायक आहूजा ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, कानून हमें हाथ में नहीं लेना चाहिए, लेकिन उसकी मौत हुई। उसके लिए हमें कोई अफसोस नहीं है, और अफसोस करूंगा भी नहीं क्योंकि जो गौ-तस्कर हैं, गौ-हत्यारे हैं, एेसे पापियों का यही हश्र होता रहा है, होता रहेगा। आहूजा वही शख्स हैं, जिन्होंने कहा था कि जेएनयू में रोजाना 3000 कंडोम इस्तेमाल होते हैं।
विधानसभा में खान की मौत का मुद्दा उठाने वाली कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आहूजा ने कहा, बिल्कुल वह गौ-तस्कर था। इतनी तुष्टिकरण की नीति अपना रहे हैं और राग अलाप रहे हैं कि उन्हें लोगों के लिए जो देश के गद्दार हैं। ये कांग्रेस देश के गद्दारों को पुरस्कार देना चाहते हैं और देश भक्तों का तिरस्कार करना चाहते हैं। गौ-तस्कर और गौ-हत्यारों का समर्थन कर रहे हैं। आहूजा ने कहा, खान को क्यों पीटा गया। जब उन्हें पकड़ा गया तो उसका बेटा और उसके भाई बैठकर हंस रहे थे। उसे इसलिए पीटा गया, क्योंकि वह खेतों के रास्ते भागने की सोच रहा है और वहां पब्लिक थी। पब्लिक तो पब्लिक होती है। इसलिए यह जानबूझकर किया गया हमला नहीं है।
वहीं पीयूसीएल की अगुआई वाले नागरिक समाज संगठन ने खान के मामले में न्याय की गुहार लगाते हुए विधानसभा के बाहर तीन दिवसीय धरना देने का फैसला किया है। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे को एक मेमोरेंडम भी सौंपा है। राजे को सौंपे इस मेमोरेंडम पर 1968 बैच के 23 आईएएस अफसरों के दस्तखत हैं, जिसमें पूर्व आईएएस अफसर और लेखक हर्ष मंदार भी शामिल हैं। इस मामले को लेकर विधानसभा में भी जमकर हंगामा हुआ। गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने जब खान को स्मग्लर कहा तो विपक्षी पार्टियों ने इस पर सवाल उठाए। इसके बाद सदन को एक घंटे के लिए स्थगित करना पड़ा। नेता विपक्ष रामेश्वर दुदी ने जब गृह मंत्री के शब्दों पर हमला बोला तो कटारिया बीच-बचाव करते नजर आए। उन्होंने कांग्रेस पर जानबूझकर मुद्दे को तूल देने का आरोप लगाया।
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