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आयकर छापों को मायावती ने बताया शुभ संकेत बोलीं भाजपा घर बैठे तोहफा दे रही

राजनीति            Dec 27, 2016


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

बसपा और मायावती के लिए परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। दिल्ली के एक बैंक में छापामारी कर मायावती के भाई और बसपा के एकाउंट में करोड़ों रुपए का पता लगाने के बाद अब इनकम टैक्स विभाग ने उन्हें नोटिस जारी करने का मन बनाया है। बीएसपी और आनंद कुमार को यह नोटिस जारी होगा।


आयकर विभाग आनंद कुमार से आय के स्त्रोतों से लेकर खातों में फंड ट्रांसफर करने तक को पूछताछ करेगा। आयकर विभाग बसपा पदाधिकारियों से उन लोगों के बारे में भी जानकारी लेगी, जिन्होंने पार्टी के खाते में 20,000 से अधिक रुपये जमा किए हैं। विभाग उन लोगों के नाम और पते की जानकारी भी मांग सकती है। नोटबंदी के बाद लागू नियमानुसार जिन्होंने 2.5 लाख से ज्यादा रुपये जमा किए हैं, उनको भी नोटिस भेजा जाएगा।

बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने लखनऊ में प्रेस कांफ्रेस कर कहा है कि भाजपा बसपा की छवि ख़राब करने की कोशिश में लगी हुई है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक़ बसपा के बैंक अकाउंट में 26 दिसंबर को 104 करोड़ और उनके छोटे भाई आनंद कुमार के ख़ाते में 1.43 करोड़ रुपये जमा कराए गए हैं।

मायावती ने अपने भाई के बैंक एकाउंट में भारी रकम पाए जाने पर दी सफाई देते हुए कहा कि बीएसपी के प्रभावशाली लोगों को परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मेरा भाई कारोबारी है और उसे परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल कर जो परेशान कर रहे हैं, उनकी दलित विरोधी और जातिवादी मानसिकता साफ उजागर हो जाती है। उन्होंने कहा कि इस दौरान बीजेपी सहित अन्य पार्टियों ने भी अपना पैसा बैंक में जमा कराया है, लेकिन उसकी चर्चा नहीं होती। बीजेपी और अन्य पार्टियों ने 8 नवंबर के बाद बैंक एकाउंट में जो पैसा जमा कराया है, उसका ब्योरा दें।

इस संबंध में आनंद कुमार के ख़िलाफ़ बेनामी संपत्ति मामले में आयकर विभाग ने जांच शुरू की है।
मायावती ने पत्रकार वार्ता में इस संबंध में कुछ बातें कहीं:—

बसपा ने अपने पार्टी फंड के पैसे को रुटीन प्रक्रिय के तहत हमेशा की तरह जमा कराया है। ये पार्टी मेंबरशिप का पैसा है।

बीजेपी समेत दूसरी पार्टियों ने भी पैसे जमा कराए हैं लेकिन उस पर कोई चर्चा नहीं हो रही है।

नोटबंदी से देश की नब्बे प्रतिशत जनता बेहाल है।

नोटबंदी की वजह से जो सौ से ज्यादा लोग मारे गए हैं उनको आर्थिक मदद करने की मांग बसपा ने की थी लेकिन बीजेपी ने उनकी कोई मदद नहीं की है।

छापे बसपा के लिए शुभ संकेत हैं। ऐसे छापों से हमें राजनीतिक लाभ मिलेगा। बीजेपी की मानसिकता दलित विरोधी है। बीजेपी वाले घर बैठे हमें तोहफ़ा दे रहे हैं।



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