मल्हार मीडिया ब्यूरो।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव को किस्म-किस्म की गाड़ी चलाने का शौक है। कभी वो ऑडी कार चलाते नजर आते हैं तो कभी घोड़ा दौड़ाते नजर आते हैं। इस बार उन्होंने ई-रिक्शा चलाकर एक रिक्शे वाले की रोजी-रोटी छीन ली। दरअसल, हुआ ऐसा कि एक ठेकेदार ने अरुण कुमार नाम के ई रिक्शा चलाने वाले व्यक्ति को कुछ सामान मंत्री तेज प्रताप यादव के सरकारी आवास 3 देशरत्न मार्ग पहुंचाने को कहा। रिक्शे वाले ने सामान लिया और उसे मंत्री जी के आवास पर पहुंचा दिया लेकिन तभी मंत्री जी की नजर उस रिक्शे पर पड़ गई। मंत्री तेजप्रताप ने रिक्शा चलाने की इच्छा जाहिर की। इसके बाद अरुण ने उन्हें रिक्शा दे दिया।
अब मंत्री जी ने अपने आवास परिसर में ही रिक्शा दौड़ाया। इसके बाद उनके ड्राइवर प्रमोद ने भी इस रिक्शे को चलाया लेकिन उसने गलती कर डाली। रिक्शे को एक खंभे में ठोक दिया। अरुण की आंखों के सामने उसकी रोजी-रोटी का जुगाड़ बिखर गया। मंत्री जी ने यह देखते हुए अरुण से फौरन कहा कि आप जाइए। आपका ई-रिक्शा बनवा दिया जाएगा।
यह घटना 12 दिसंबर की है लेकिन 17 दिनों तक उन्हें कोई मुआवजा नहीं मिला। अरुण लगातार इसके लिए भाग-दौड़ करते रहे लेकिन उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ। 28 दिसंबर को लालू यादव ने नोटबंदी पर महाधरना आयोजित किया था। अरुण इस महाधरने में पहुंच गया। उसने अपनी पीड़ा वहां कुछ नेताओं को बताई। यह बात धीरे-धीरे लालू प्रसाद के कानों तक पहुंची। इसके साथ ही इसकी भनक मीडिया को भी लग गई।
ईटीवी की खबर के अनुसार इसके बाद लालू यादव ने खुद रिक्शावाले अरुण कुमार को फोन किया और उसे बुलाकर 15 हजार रुपये दिए। ताकि वो अपना रिक्शा बनवा सके। अरुण कुमार के अनुसार उन्होंने 1 लाख 40 हजार में ई-रिक्शा खरीदी थी और प्रतिदिन उससे 600-700 कमा कर परिवार का भरण-पोषण करते थे लेकिन रिक्शा टूटने के बाद पिछले 17 दिनों से परेशान थे। अब पैसे मिलने से वो संतुष्ट हैं। रिक्शा बनवाकर वो अब फिर से अपनी रोजी-रोटी कमा सकेंगे।
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