मल्हार मीडिया।
मध्यप्रदेश के कान्हा टाइगर रिजर्व में आज खुशियाँ चहक रही थीं। पर यह खुशी रोज से अलहदा थी। यहाँ आये पर्यटक बच्चों ने देखकर नहीं, बल्कि सुनकर, स्पर्श कर और सूँघ कर जंगल भ्रमण का आनंद उठाया। उनके चेहरों पर छाया आल्हाद पूरे वनकर्मियों को भी आनंदविभोर कर रहा था।
क्षेत्र संचालक पंकज शुक्ला ने बताया कि कान्हा टाइगर रिजर्व वर्षभर बच्चों के लिये 'अनुभूति' कार्यक्रम करता रहता है। इसी क्रम में आज और कल जबलपुर की 'अनन्या' संस्था की 30 दृष्टि-बाधित बालिकाओं के लिये यह शिविर लगाया गया था। उन्होंने कहा कि इन बच्चों में सामान्य व्यक्ति से बेहतर सुनने और स्पर्श अनुभूति की क्षमता है। जब हम इन्हें नेचर ट्रेल और सफारी के लिये ले गये, तो इन्होंने बहुत से पेड़ों को उनकी छाल से, पक्षी और जानवरों को आवाज से और फूल, पत्ती, पौधों को मात्र सुगंध से पहचान लिया। बच्चों को ओपन एयर थियेटर में वन और वन्य-प्राणियों के बारे में ऑडियो प्रेजेंटेशन भी दिया गया, जिसे उन्होंने बड़े ध्यान और चाव से सुना और ग्रहण किया।
श्री शुक्ला ने बताया कि रिजर्व आगामी 11 और 12 फरवरी को मूक-बधिर दिव्यांग बच्चों के लिये और उसके बाद मानसिक रूप से कमजोर बच्चों के लिये शिविर लगाने की योजना बना रहा है।
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