मल्हार मीडिया भोपाल।
डिजिटल स्मारिका का QR स्कैन कर किया विमोचन।
आज 4 अक्टूबर शनिवार को भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (IIIT) भोपाल का चौथा दीक्षांत समारोह सिविल सभागार में हुआ। इस कार्यक्रम में साल 2025 में कंप्यूटर विज्ञान(CSE), इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी(IT)और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग(ECE) के 182 छात्रों को बीटेक की उपाधियां प्रदान की गईं जिसमें 47 छात्र ECE के, 66 छात्र IT के और 69 छात्र CSE के रहे।
हर विभाग के GGPA के आधार पर प्रथम एवं द्वितीय स्थान पर रहने वाले छात्रों को गोल्ड एवं सिल्वर पदक प्रदान किया गया।
ट्रिपल आईटी (IIIT) भोपाल के निदेशक प्रोफेसर आशुतोष कुमार सिंह ने संस्थान की हालिया उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि कॉलेज को नई जमीन आवंटित की गई है, जिस पर अत्याधुनिक प्रयोगशालाएँ विकसित की जाएँगी। उन्होंने कहा कि छात्रों ने राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में संस्थान का नाम रोशन किया है।
अपनी-अपनी ब्रांच में पहला एवं दूसरा स्थान प्राप्त करने वाले छात्रों को पदक दिए गए। इसी कड़ी में, सिल्वर मैडल ईसीई(ECE)में कुंदन कुमार गुप्ता को, आई टी(IT) में जिया राठौर को एवं सी एस ई(CSE) में ईशान कुमार को मिला। ईसीई में स्वर्ण पदक गौरव महेश को, आई टी में मंजीत पाठक को, एवं सी एस ई(CSE) में पदक प्रांजल दुबे को मिला तथा सबसे ज़्यादा अच्छे अंक (CGPA) प्राप्त करने वाले प्रांजल दुबे को एक और स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ। तत्पश्चात सभी छात्रों को डिग्री दी गई।
इसके बाद, अतिथि यूआईडी आरजीपीवी के निदेशक प्रोफेसर एस.एस. भदौरिया ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज का समय ऐसा दौर है, जहाँ नवाचार (innovation) और तकनीक के माध्यम से प्रत्येक व्यक्ति अपने सपनों को साकार कर सकता है।जो युवा इस युग की शक्ति को समझकर इसे सकारात्मक दिशा देंगे, वही आने वाले भारत के निर्माता होंगे। वालेओ (valeo) के निदेशक सुजीत ने इस समय को एक नए युग की शुरुआत बताया उन्होंने यह भी बताया कि सफलता की कोई परिभाषा नहीं होती सिर्फ आत्म संतोष है।
विशेष अतिथी (Honourable Guest) ट्रिपल आईटी ग्वालियर के निदेशक प्रोफेसर एस. एन. सिंह द्वारा संबोधन प्रस्तुत किया गया, जिसमें उन्होंने सभी छात्रों को बधाई देते हुए कहा
इस अवसर पर मप्र सरकार के मुख्य अतिथि,मुख्य सचिव अनुराग जैन ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चों का उत्साह बढ़ाने के लिए अपने समय की एक लाइन का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा “टेंपो हाई है”। इसके बाद उन्होंने पुनः सभी को धन्यवाद दिया और सभी बच्चों की सराहना भी की।
इसके बाद उन्होंने कहा कि छात्रों को अपने परिवार, समाज, और अपने शिक्षकों की दी गई संरचना और मार्गदर्शन को हमेशा याद रखना चाहिए। यह डिग्री उनके जीवन में केवल एक शुरुआत है। अब असली समय है अपने आप को साबित करने का। आभार प्रदर्शन प्रोफेसर आशुतोष ने किया।
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