मल्हार मीडिया ब्यूरो।
छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में नक्सली हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 12 जवान शहीद हो गए जबकि तीन अन्य जवान घायल हो गए हैं। राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सुकमा जिले के भेज्जी थाना क्षेत्र के घने जंगलों में नक्सलियों ने सीआरपीएफ के गश्ती दल पर घात लगाकर हमला कर दिया। हमले में सीआरपीएफ की 219वीं बटालियन के 12 जवान शहीद हो गए, जबकि तीन अन्य जवान घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि गश्ती दल को भेज्जी क्षेत्र में बन रहे इंजरम भेज्जी मार्ग की सुरक्षा के लिए रवाना किया गया था। दल में लगभग एक सौ जवान शामिल थे। दल जब भेज्जी और कोत्ताचेरू गांव के मध्य जंगल में था तब नक्सलियों ने पुलिस दल पर गोलीबारी शुरू कर दी। हमले में सीआरपीएफ के 11 जवानों की मौके पर ही मौत हो गयी, जबकि चार अन्य घायल हो गए।
उन्होंने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद क्षेत्र में अतिरिक्त पुलिस दल रवाना किया गया और शहीद जवानों के शवों और घायल जवानों को बाहर निकालने की कार्रवाई शुरू की गई। घायलों को जंगल से बाहर निकालने के बाद तीन घायल जवानों को बेहतर इलाज के लिए रायपुर भेजा गया। जहां एक जवान की मौत हो गई। एक अन्य जवान को साधारण चोट आने के कारण उसका इलाज सुकमा के स्थानीय अस्पताल में किया गया। अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र में नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है तथा हमलावर नक्सलियों की खोज की जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नक्सलवादियों के हमले में सीआरपीएफ के जवानों की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह हालात का जायजा लेने के लिए सुकमा जा रहे हैं। मोदी ने ट्वीट किया, ‘सुकमा में सीआरपीएफ जवानों की मौत पर दुखी हूं। शहीदों को श्रद्धांजलि और उनके परिजन के प्रति संवेदना। प्रार्थना है कि घायल शीघ्र स्वस्थ हों। गृहमंत्री राजनाथ सिंह जी से सुकमा के हालात पर बात की है। वह हालात का जायजा लेने सुकमा जा रहे हैं।’
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षा बल ने खोजी अभियान शुरू कर दिया है। नक्सलियों द्वारा बारूदी सुरंग में विस्फोट करने तथा हथियार लूटने की भी सूचना है। इसकी पुष्टि की जा रही है। इधर सीआरपीएफ के अधिकारियों ने बताया कि नक्सली मार्च से जून माह के दौरान गर्मी में टेक्टिकल कांउटर अफेंसिव कैंपेन चलाते हैं। इस दौरान वह सुरक्षा बलों पर हमले तेज कर देते हैं। उन्होंने बताया कि गर्मी के दौरान घात लगाकर हमला करना आसान होता है। वहीं इस हमले के दौरान क्षेत्र में मिलिट्री कंपनी के वहां मौजूद होने की सूचना मिल रही है। सीआरपीएफ के सूचना तंत्र के अनुसार बस्तर के दक्षिणी क्षेत्र में नक्सली नेता हिड़मा सक्रिय है। हमले में दौरान हिड़मा शामिल था कि नहीं इस बारे में जानकारी जांच के बाद ही सामने आएगी। राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस हमले की निंदा की है तथा इस घटना को नक्सलियों द्वारा कायरता पूर्वक किया गया कार्य कहा है।
मुख्यमंत्री ने हमले में मारे गए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि जवानों ने कर्तव्य निर्वहन के दौरान सर्वोच्च बलिदान दिया है। सिंह ने कहा कि क्षेत्र में हो रहे विकास के कार्यों के कारण नक्सली अब बौखलाए हुए हैं और इसलिए वह सुरक्षा बलों तथा आम लोगों पर हमले कर रहे हैं। सुरक्षा बल के जवान बस्तर को नक्सलियों की हिंसा से मुक्त करने के लिए अपनी जान की बाजी लगा रहे हैं। उनकी कुर्बानी व्यर्थ नहीं जाएगी। राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह विशेष विमान से शाम को रायपुर आएंगे।
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