मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश में बेरोजगारी की बढ़ती समस्या, शिक्षित बेरोजगारों की लगातार बढ़ी संख्या, युवाओं की अन्य समस्याओं, बेरोजगारी सम्बंधित अनेक आंदोलनों का प्रभाव, सरकारों के बेरोजगार युवाओं के प्रति रवैये को युवाओं की दृष्टि से समझने और उनके समाधान खोजने के लिए "बेरोजगार सेना" द्वारा "बेरोजगार पंचायत" का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि युवा नेता सुश्री पंखुडी पाठक थीं।
सुश्री पंखुड़ी पाठक ने कहा कि मैं मध्य प्रदेश में बार बार आना चाहूंगी ओर बेरोजगार सेना का साथ दूँगी ओर मध्यप्रदेश के बाहर भी बेरोजगार सेना के बारे में बताऊंगी सभी संगठन जो युवाओं के मुद्दों पर सड़कों पर संघर्ष कर रहे हैं या अपने कॉलेज में युवाओं का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, वे बेरोजगार सेना से जुड़े।
इस अवसर पर श्री अक्षय हुंका ने कहा कि बिना बेरोजगारों को साथ लिए कोई अपनी सरकार नहीं बना सकता है। हम युवाओं की मांगों को लेकर दोनों पार्टियों के पास जायेगे और उनके जवाब के हिसाब से अगली रणनीति तय करेंगे।
कार्यक्रम में पूरे प्रदेश से लगभग 50 संगठनों के 300 युवाओं ने भाग लिया।
गौरतलब है कि बेरोजगारी के कारण अब जनता का आक्रोश सड़कों पर आ गया है। पिछले कुछ महीनों में प्रदेश के हर हिस्से में युवा संगठन बेरोजगारी की समस्या को लेकर मुखर हुए हैं और चारों ओर से रोजगार के अधिकार की बात उठ रही है।
आज सरकार केवल उनको ही बेरोजगार मानती है जिनके पास नौकरी नहीं है। हालांकि सच यह है कि हर वो व्यक्ति जो सरकारी नीतियों के कारण अपनी योग्यता और क्षमता के अनुरूप पैसे नहीं कमा पा रहा है वह "बेरोजगार" है। चाहे वह काम ढूंढ रहा हो, व्यापारी हो, सरकारी/प्राइवेट नौकरी करने वाला हो या मजदूर हो। प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज से पढ़कर किसी कॉल सेण्टर या शॉपिंग मॉल में सेल्समेन की नौकरी करने वाला व्यक्ति भी खुद को बेरोजगार ही मानता है। लेखापाल, सर्वेक्षण सहायक, अतिथि विद्वान, मृदा परीक्षण, परीक्षा का इंतज़ार कर रहे D. Ed./B.Ed. के छात्र, MPPSC, नीट,पुलिस आरक्षक भर्ती, व्यापम परीक्षाओं में हुई गड़बड़, दिव्यांग, नौकरी से निकाल दिए गए अनेक संविदाकर्मी संगठन, मेल नर्स, रोजगार सहायक, अतिथि शिक्षक, मेडिकल कॉलेजों के विद्यार्थी, वाटर शेड मिशन, APEX बैंक एग्जाम के विद्यार्थी समेत अनेक संगठन सड़कों पर उतर चुके हैं।
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