मल्हार मीडिया भोपाल।
राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 का मुख्य बजट 2.79 लाख करोड़ का पेश किया है। इसमें पहली बार सरकार ने चाइल्ड बजट अलग से दिया है। यह 57803 करोड़ है, जो मुख्य बजट का 20.70 फीसदी है। पहली बार है कि सरकार ने 17 विभागों की बच्चों से संबंधित 220 योजनाओं को अलग से चाइल्ड बजट में शामिल किया है।
सरकार ने चाइल्ड बजट बनाने के लिए 18 साल से कम उम्र वाली आबादी के लिए किए जाने वाले बजट प्रावधान को मुख्य बजट से अलग करके प्रदर्शित यिा है। इसमें दो फार्मूले अपनाए गए। पहला वह योजनाएं जिनमें पूरी तरह सौ फीसदी राशि बच्चों पर ही खर्च होती है। मसलन, प्रायमरी शिक्षा, शिशु चिकित्सा आदि। दूसरा वह योजनाएं जिनमें औसत 30 फीसदी तक राशि बच्चों यानी 18 साल से कम उम्र वाली आबादी पर खर्च होती है।
सरकार ने मुख्य रूप से पांच विभागों के बजट में कमी की है। पेश किए गए बजट में नगरीय प्रशासन का एक फीसदी, उद्यानिकी व चिकित्सा शिक्षा का चार-चार फीसदी जल संसाधन का सात फीसदी और एनवीडीए का 11 फीसदी बजट कम किया गया है।
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा का कहना है कि इन विभागों का बजट इसलिए कम किया गया, क्योंकि यहां पर नए काम अन्य विभागों की अपेक्षा कम होने हैं। जल संसाधन व एनवीडी की ज्यादातर योजनाएं पूरी होने वाली हैं। नई योजनाएं कम आनी हैं। इसी तरह नगरीय प्रशासन में पीएम आवास के तहत कम प्रस्ताव था, इसलिए बजट नहीं बढ़ सका।
बजट में मुख्य रूप से ग्रामीण विकास विभाग का बजट 74 फीसदी बढ़ा है। पिछले साल 12276 करोड़ बजट था, जो इस बार 21389 करोड़ हो गया है। यह सबसे ज्यादा है। पंचायत विभाग में 37 फीसदी बजट बढ़ा है। इसमें 4767 करोड़ से 6536 करोड़ रुपए बजट किया है। वहीं सहकारिता विभाग का 38 और पशुपालन का 35 फीसदी बजट बढ़ा है। सहकारिता में 1425 से 1960 करोड़ और पशुपालन में 1066 से 1443 करोड़ रुपए बजट हुआ है। ऊर्जा विभाग में 35 फीसदी बजट बढाया है। ऊर्जा का बजट पिछले साल 12184 करोड़ था, जो अब 16506 करोड़ हो गया है। अन्य पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक कल्याण विभाग में 28 फीसदी बजट बढ़ाया है। यह 855 से 1098 करोड़ किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग में 29 फीसदी बजट वृद्धि हुई है। स्वास्थ्य में 8046 से 10380 करोड़ बजट कर दिया गया है। कोरोना काल के मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग पर भी विशेष ध्यान दिया गया है। स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी का कहना है कि कोरोना को देखते हुए स्वास्थ्य की चुनौतियों के मद्देनजर बजट में 2258 करोड़ का इजाफा किया है। इस बार स्वास्थ्य संस्थाओं के निर्माण के लिए 595 करोड़ रुपए रखे गए हैं। स्वास्थ्य मिशन के लिए 3600 करोड़ रखे हैं। इससे कोरोना से लड़ाई में स्वास्थ्य सेवाएं मजबूत होंगी।
फैक्ट फाइल-
- 279237 करोड़ का राज्य का बजट इस बार
- 247715 करोड़ का इस बार का शुद्ध व्यय
- 241 करोड़ था वर्तमा वित्तीय सत्र का बजट
राज्य के कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने से सरकार ने इंकार कर दिया है। छत्तीसगढ़ और राजस्थान सरकार पुरानी पेंशन दे चुकी है, लेकिन मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि मध्यप्रदेश में अभी ऐसा कोई विचार नहीं है। कर्मचारियों को जरुर बढ़ा हुआ 11 फीसदी महंगाई भत्ता अप्रैल तक दिया जाएगा। इसका प्रावधन बजट में किया गया है।
सरकार ने बजट में मुख्य रूप से प्रावधान केंद्रीय बजट में मिलने वाली राशि को आधार बनकार किए हैं। मसलन, पीएम आवास, जल मिशन सहित ऐसी योजनाएं जिनमें केंद्र से राशि मिलना है, उनको प्राथमिकता पर रखा गया है। ग्रामीण विकास विभाग के बजट में 74 फीसदी की अत्यधिक वृद्धि भी केंद्र से मिलने वाली विभिन्न योजनाओं की राशि के हिसाब से राज्यांश मिलाने के कारण की गई है।
ऐसे होगा बजट में पैसे का इंतजाम-
249152 करोड़ रुपए राज्यके टैक्स से मिलेंगे
72860 करोड़ रुपए केंद्रीय करों में हिस्सा मिलेगा
13618 करोड़ केंद्र से अनुदान के रुप में मिलेंगे
13618 करोड़ करेत्तर राजस्व के रूप में मिलेंगे
51829 करोड़ रुपए शुद्ध लोक ऋण के रूप में रहेगा
सरकार ने इस साल भी घाटे का बजट पेश किया है, लेकिन राहत की बात ये है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार राजस्व घाटे में कमी आई है। मौजूदा वित्तीय सत्र का बजट 8294 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का था, लेकिन अब 2022-23 का बजट 3736 करोड़ रुपए के राजस्व घाटे का पेश किया गया है। कोरोना संक्रमण के बावजूद घाटे में कमी आना महत्वपूर्ण है।
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