मल्हार मीडिया ब्यूरो।
मध्यप्रदेश में इस वर्ष के अंत में विधानसभा चुनाव होने जा रहे है। चौदहवीं विधानसभा का पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा हो रहा है। मध्यप्रदेश विधानसभा का यह आखरी मानसून सत्र वर्तमान सदस्यों के लिए विदाई सत्र भी था।
सम्पन्न हुए पांच दिवसीय सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस विधानसभा सचिवालय को दिया ।
राजनैतिक रस्साकसी के बीच विधानसभा के अंतिम विदाई सत्र का सदस्यों की बिना औपचारिक विदाई के समापन हो गया।
विदाई सत्र की जो प्रमुख औपचारिकता होती है उसमें सदस्यों को विधानसभा सचिवालय की ओर से एक स्मृति चिन्ह के साथ सामूहिक फोटो सेशन भी प्रमुख होता है जो प्रत्येक सदस्य को विधानसभा के सदस्य होने की यादगार अनुभूति प्रदान करता है।
जानकारी के अनुसार मध्यप्रदेश विधानसभा के गौरवशाली इतिहास मे पहली बार ऐसा क्षण आया है जिसमें सदस्यों को ग्रुप फोटो के बिना ही विदाई लेना पडे ।
विदाई फोटो को लेकर भाजपा के सदस्यों मे उत्सुकता है वही कांग्रेस के लगभग सदस्यों की राय है कि विधानसभा सदस्य होना गर्व का विषय है जिसका ग्रुप फोटो होना चाहिए था ।
कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ सदस्यों ने व्यक्तिगत रुप से बताया कि वर्तमान सदस्यों ने ग्रुप फोटो की बात पार्टी फोरम पर रखी थी। नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के एकतरफा निर्णय से पहली बार चुनकर आये विधायकों मे निराशा है।
सूत्रों के अनुसार ग्वालियर चंबल क्षेत्र के दो वरिष्ठ विधायक सहित उपनेता प्रतिपक्ष भी ग्रुप फोटो होने के पक्ष मे बताये जा रहे है।
विधानसभा सचिवालय भी पुरानी परम्परा को आगे कायम रखने के पक्ष मे सचिवालय मे चल रही चर्चाओं के अनुसार विधानसभा एक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने की तैयारी कर उप राष्ट्रपति वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को आमंत्रित करने पर सहमति हुई थी जिसमें सदस्यों को विधिवत सम्मान के साथ विदाई दी जा सके परंतु नेता प्रतिपक्ष विधानसभा सत्र बुलाये जाने और अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की मांग पर अडे होना बताये जा रहे है।
वही कांग्रेस के कुछ विधायक द्वारा ग्रुप फोटो को लेकर विधानसभा सचिवालय को पत्र लिखे जाने की खबरें चल रही है।
 
                   
                   
             
	               
	               
	               
	               
	              
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