मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने आज विधायक रामेश्वर शर्मा द्वारा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ पर लगाये गये झूठे आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कमलनाथ जी पर आरोप लगाने से पहले विधायक अपना क़द एक बार देख लें, सूर्य की रोशनी को दिया दिखाने की कोशिश ना करें। झूठे आरोप लगाकर भ्रम ना फैलायें।
सलूजा ने कहा कि श्री कमलनाथ ने कहा था कि ‘‘शिवराज की जनआशीर्वाद पर हुआ पथराव निंदनीय है, मैं इसकी निंदा करता हूँ। लेकिन हमें यह भी देखना होगा कि शिवराज के ख़लिाफ़ जनआक्रोश है। उसके कारण इस तरह की और भी घटनाएँ सामने आ सकती हैं।“
पूर्व में भी सीधी की पथराव की घटना की निंदा कर, इसके जो भी दोषी हों, उनपर कड़ी कार्यवाही की बात उन्होंने की थी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा था मैं इस तरह की राजनीति का पक्षधर नहीं हूँ और ना ही हमारे प्रदेश की ऐसी परंपरा है। कमलनाथ जी ने कहीं भी यह नहीं कहा कि इस तरह की घटनाएँ कांग्रेस करवाएगी।
लेकिन ‘‘चूहे के हाथ चिन्दी मिल गयी’’ की तर्ज़ पर विधायक चालू हो गये कि कांग्रेस हिंसा फैला सकती है, प्रदेश शांति का टापू है। जैसे भाजपा ने नालायक और मदारी को लेकर भी किया था। भाजपा की इस तरह के झूठे आरोप लगाने में महारत हासिल है। पहले भी सीधी में पथराव की घटना में भाजपा ने कांग्रेस पर आरोप लगाये थे, जो कि प्रशासन की रिपोर्ट में ही झूठे साबित हुए।
सलूजा ने कहा कि बड़ा ही आश्चर्य है कि भाजपा ने भी हिंसा पर बात करने के लिये एक ऐसे विधायक का चयन किया, जिनका ख़ुद ही विवादों से गहरा नाता है? अभी विगत 8 जुलाई को ही कोलार के सनखेड़ी में उन्ही की पार्टी की एक महिला पार्षद मनफूल मीना व उनके पति श्याम मीना से हुआ उनका विवाद जग ज़ाहिर है। जिसमें महिला पार्षद ने महिला आयोग से लेकर डीआईजी तक व न्यायालय में उनके ख़लिाफ़ परिवाद लगाया है, जिसमें उन पर मारपीट, गाली-गलौच, धमकाने जेसे गंभीर आरोप लगाये हैं।
‘‘अधिकारी को धमकाना और कहना कि मौत से ज़्यादा मुझसे डरो“ और ‘‘अटक से कटक तक, कश्मीर से कन्याकुमारी तक पाकिस्तान का साम्राज्य“ एवं ‘‘कांग्रेस सीता रूपी सत्ता को हथियाना चाहती है“ जैसे विवादित व हिंसक बयान किसके हैं, यह सब जानते हंै? बेहतर हो कांग्रेस को हिंसक बताने वाली भाजपा, पहले भाजपा विधायक के पुत्र की गोली मारने वाली पोस्ट, भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष की 2.5 मिनट में निपटाने वाले बयान को एक बार ज़रूर सुन लें, फिर हमें हिंसा पर उपदेश दंे।
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