मल्हार मीडिया ब्यूरो उज्जैन।
मध्यप्रदेश के उज्जैन कलेक्टर मनीष सिंह ने महाकाल मंदिर में दर्शन व्यवस्था को सुधारने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
मंदिर प्रशासन द्वारा विगत वर्षों में समय-समय पर कई शासकीय व अर्ध शासकीय जिसमे केंद्र शासन एवं राज्य शासन दोनों के अधिकारी सम्मिलित है। इन अधिकारियों को दर्शन कराने के लिए प्रोटोकॉल पास जारी किए थे।
इन पासो को जारी करने का उद्देशय यह था कि विभाग के अधिकारी सम्मानजनक तरीके से दर्शन कर सकें लेकिन सम्बंधित व्यक्ति इन पासों का गलत उपयोग करने लगे और अपने परिचितों और अन्य लोगों को दर्शन कराने लगे।
इनमे कईं पासों का तो नवीनीकरण ही नहीं हुआ था। कलेक्टर मनीष सिंह ने यह गड़बड़ी पकड़ी और इस तरह के 188 पासों को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया।
इनमें कुछ पास ऐसे भी हैं जो व्यक्तिगत रूप से जारी कर दिए गए थे कलेक्टर श्री सिंह ने स्पष्ट कहा है कि अगर कोई व्यक्ति इस तरह का पास दिखा कर पुलिसकर्मी या सुरक्षाकर्मी महाकाल में प्रवेश के दौरान अभद्रता करता है, तो उसे शासकीय कार्य में बाधा माना जाए और उसके खिलाफ महाकाल थाने में वैधानिक कार्यवाही की जाए।
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