मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री तरुण भनोत ने बुधवार को विधानसभा में कांग्रेस सरकार का पहला लेखानुदान पेश किया। जो बिना चर्चा के पारित हो गया।
राज्य सरकार ने विधानसभा से लेखानुदान के जरिए चार महीने का खर्च चलाने के लिए 89 हजार करोड़ रुपए मांगे हैं। इसमें छह हजार करोड़ रुपए कृषि विभाग के लिए आवंटित किए गए हैं। कृषि विभाग को ही किसानों की कर्जमाफी करना है और इसके लिए 30 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की जरूरत है।
वर्ष 2018-19 के दूसरे अनुपूरक बजट में कर्जमाफी के लिए पांच हजार करोड़ रुपए दिए गए थे। वर्ष 2019-20 के लेखानुदान में कृषि विभाग को छह हजार करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं। हालांकि इसमें अभी कर्जमाफी के लिए स्पष्ट प्रावधान नहीं है।
यदि दोनों बजट को मिला लिया जाए तो भी कर्जमाफी के लिए सिर्फ 11 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान हुआ है। जबकि सरकार को 30 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की जरूरत है। इसका मतलब है कि जुलाई तक सभी पात्र किसानों की कर्ज माफी शायद ही हो पाए। यह लेखानुदान जुलाई 2019 तक सरकार के खर्चे चलाने के लिए पेश किया गया है। मुख्य बजट जुलाई में होने वाले विधानसभा सत्र में आएगा।
वित्त मंत्री तरुण भनोत ने वर्ष 2019-20 का बजट अनुमान भी सदन के पटल पर रखा है। वित्त विभाग का अनुमान है कि अगले वित्तीय वर्ष में सरकार का कुल बजट लगभग 2 लाख 23 हजार करोड़ रुपए का होगा। सरकार ने 561 करोड़ रुपए के राजस्व आधिक्य का अनुमान लगाया है।
राज्य सरकार वित्तीय वर्ष के शुरुआती चार महीने में लगभग साढ़े 11 हजार करोड़ रुपए का ब्याज चुकाएगी। राजस्व व्यय के लिए लिए गए कर्ज पर पांच हजार 430 करोड़ रुपए और पूंजीगत व्यय के कर्ज पर पांच हजार 921 करोड़ रुपए ब्याज का भुगतान किया जाएगा।
विभाग--आवंटन
ऊर्जा--6309 करोड़
कृषि--6136 करोड़
स्कूल शिक्षा--6129करोड़
वित्त--5921 करोड़
लोक निर्माण--3297 करोड़
पुलिस--3010 करोड़
नगरीय विकास--2928 करोड़
जनजातीय कार्य--2919 करोड़
स्वास्थ्य--2701 करोड़
जल संसाधन--2562 करोड़
ग्रामीण विकास--1441 करोड़
सहकारिता--1164 करोड़
उच्च शिक्षा--947 करोड़
सामाजिक न्याय--432 करोड़
श्रम--370 करोड़
उद्योग--344 करोड़
पर्यटन--85 करोड़
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