Breaking News

मध्य प्रदेश में पिछले 24 घंटे में दूसरे किसान ने ख़ुदकुशी की

राज्य            Jun 13, 2017


मल्हार मीडिया ब्यूरो।

मध्य प्रदेश में किसान आंदोलन की चिंगारी बुझने का नाम नहीं ले रही है। मंगलवार को राज्य के होशंगाबाद जिले के सिवनी मालवा गांव में कर्ज में दबे एक किसान माखनलाल ने खुदकुशी कर ली है। प्रथम दृष्टया किसान की मौत का कारण कीटनाशक पीने से सामने से आया है। मृतक के पुत्र शेर सिंह ने बताया कि उसके पिता पर चार लाख रुपए बैंक और दो लाख रुपए अन्य का कर्ज था। इसके कारण वह काफी दिनों से परेशान थे। कर्ज से परेशान होकर आज उन्होंने मौत को गले लगा लिया। मामले में कोई भी अधिकारी कैमरे के सामने बोलने को तैयार नहीं है।

गौरतलब है कि राज्य में 1 जून से किसान आंदोलन चल रहा है। इस दौरान पुलिसिया कार्रवाई में 5 किसानों की गोलीबारी में मौत हो गई थी, वहीं कुल 6 लोगों की मौत हो चुकी है।

किसानो की ख़ुदकुशी का 24 घंटे में दूसरा मामला है। सोमवार को ही रेहटी तहसील में आने वाले ग्राम जाजना के एक किसान ने छह लाख रुपए के कर्ज से तंग आकर जहर खाकर मौत को गले लगा लिया था। जानकारी के अनुसार ग्राम जाजना निवासी दुलचंद (55) पिता गोविन्द कीर ने सोमवार को अपने ही घर में कीटनाशक पी ली। मृतक के पुत्र शेर सिंह ने बताया घर पर कोई नहीं था, उनके पिता के अचेत होने की सूचना पर उन्हें रेहटी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

उधर मध्य प्रदेश की गृह सचिव मधु खरे का सोमवार को तबादला कर दिया गया था। उन्हें खादी ग्रामोद्योग विभाग में भेजा गया है। मधु खरे की जगह केदार शर्मा गृह सचिव का पदभार संभालेंगे। मंदसौर फायरिंग के बारे में पहले तो सरकार ने दावा किया था कि पुलिस ने फायरिंग नहीं की थी। इसके बाद किसानों का प्रदर्शन और उग्र हो गया। बाद में सरकार ने पुलिस फायरिंग की बात स्वीकार की।

इसके पहले राज्य में शांति बहाली के मकसद से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बीते शनिवार उपवास पर बैठे थे, उन्होंने लगभग 27 घंटे के बाद अपना उपवास तोड़ा था। शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि हिंसा के लिए किसान जिम्मेदार नहीं हैं। शिवराज ने आरोप लगाया कि कांग्रेस की साजिश से आंदोलन हिंसक हुआ है।

शिवराज सिंह ने कहा था कि हिंसा के जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा। वहीं शिवराज सिंह ने कहा कि राज्य में स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है। उन्होंने कहा कि मंदसौर में जो घटना हुई, उसकी न्यायिक जांच के आदेश दिए गए हैं।

कर्ज माफी समेत समर्थन मूल्यों जैसी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर 6 जून को मंदसौर में पुलिस ने फायरिंग कर दी थी। पुलिस फायरिंग में 6 किसानों की मौत हो गई थी। जिसके बाद किसानों के आंदोलन ने और उग्र रूप ले लिया था। पूरे प्रदेश में किसानों का प्रदर्शन अब भी जारी है।

 



इस खबर को शेयर करें


Comments