मल्हार मीडिया भोपाल।
मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट पारित करने सहित दिन में सूचीबद्ध काम पूरा करने के बाद विपक्षी कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन के बीच बुधवार को निर्धारित तिथि से 10 दिन पहले अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
प्रश्नकाल पूरा होने के बाद बिना चर्चा किए ध्वनिमत से बजट पारित करने और सूचीबद्ध कार्य समाप्त होने के बाद संसदीय कार्यमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का प्रस्ताव पेश किया।
मिश्रा ने कहा कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बुधवार के लिए सूचीबद्ध काम पूरा करने के बाद सदन को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया जाए।
हंगामे के बीच वित्त मंत्री और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री ने अपने विभागों से संबंधित प्रस्ताव पेश किए।
इसके बाद अध्यक्ष गिरीश गौतम कार्यवाही को आगे बढ़ाते गए और सूचीबद्ध कार्य पूरा करने के बाद अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया।
हालांकि विपक्षी विधायक जीतू पटवारी, सज्जन सिंह वर्मा और पी. सी. शर्मा सहित कांग्रेस के अन्य सदस्य आसंदी के सामने पहुंच गए और मूल निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सदन को चलाने की मांग करते हुए सदन को अनिश्चितकाल तक स्थगित करने के प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया।
उन्होंने बिना किसी चर्चा के अनुदान मांगों को सदन में पारित कराने को लेकर ‘लोकतंत्र की हत्या’ जैसे नारे लगाए।
कांग्रेस के हंगामे के बीच संसदीय कार्यमंत्री ने कहा कि सरकार चर्चा के लिए तैयार है और निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सदन चलाने को भी तैयार है लेकिन कांग्रेस के सदस्य पहले अपने नेता से तो बात कर लें।
इस पर कांग्रेसी सदस्य गोविंद सिंह के पास गए लेकिन उनसे कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली और इस तरह बजट सत्र कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा के बिना अनिश्चतकाल के लिए स्थगित हो गया।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र सात मार्च को शुरु हुआ था और मूल रूप से यह 25 मार्च तक चलने वाला था। सदन की कुल 13 बैठकें निर्धारित थीं लेकिन समय पूर्व स्थगित होने के कारण इसमें केवल आठ दिन ही बैठकें हुयीं।
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