मल्हार मीडिया ब्यूरो।
भोपाल। मध्यप्रदेश में किसानों की आत्महत्या करने की घटनाओ का सिलसिला थमने का नाम ही नही ले रहा है। बुंदेलखंड के टीकमगढ़ और छतरपुर जिले में रविवार को एक किसान और एक खेतिहर मजदूर ने कर्ज व आर्थिक तंगी से परेशान होकर आत्महत्या कर ली। उल्लेखनीय है कि 1 जून से शुरू हुए किसान आंदोलन के बाद से अब तक 24 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। बहरहाल दोनो ही मामलो में पुलिस ने कर्ज के दबाव में आत्महत्या की बात से इंकार किया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार टीकमगढ़ जिले के फुटेरा गांव में कर्ज से परेशान होकर बारेलाल अहिरवार (65) ने रविवार को अपने खेत पर लगे पेड़ से लटककर जान दे दी। परिजनों का कहना है कि बारेलाल ने खेतों की सिंचाई के लिए कर्ज लेकर तीन कुएं खुदवाए, मगर किसी में भी पानी नहीं निकला। उसके दो बेटे हैं और छह एकड़ जमीन है। किसान की प्रधानमंत्री आवास निर्माण योजना के तहत पैसे मिलने के बाद भी हालत नहीं सुधरी और ऊपर से कर्ज वसूली के लिए लोगों का जमावड़ा लगने लगा। इससे घबराकर उसने आत्महत्या कर ली। पुलिस प्रशासन ने कर्ज की कोर्इ बात सामने अाने से इंकार किया है और आत्महत्या का कारण बारेलाल के मानसिक संतुलन ठीक नहीं हाेना बताया है।
उधर, छतरपुर जिले में रविवार को खेतिहर मजदूर भवानीदीन उर्फ भैयालाल कुशवाहा (36) ने पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली। परिजनों के मुताबिक, मृतक पूर्व में बटाई पर खेती करता था, लेकिन लगातार नुकसान होने के कारण वह मजदूरी करने लगा था। उसके तीन बच्चे हैं, जिनकी पढ़ाई का बोझ भी वह नहीं उठा पा रहा था। पड़ोसीयो के अनुसार आर्थिक तंगी के कारण भवानीदीन कुछ दिनों से तनाव में था। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच चल रही है और अभी तक आत्महत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है।
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