मल्हार मीडिया।
मध्य प्रदेश के बेरोजगारों को रोजगार देने के लिए शुरू की गई दीनदयाल अंत्योदय योजना एवं राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत शहरी गरीबों को स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग महज दिखावा बनकर रह गई है। हकीकत यह है कि प्रदेश के एक दर्जन शहरों में संचालित ट्रेनिंग के बाद भी एक भी बेरोजगार को रोजगार उपलब्ध नहीं हुआ है। खास बात तो यह है कि शहरी इलाकों में शामिल गुना में तो किसी भी बेराजगार को ट्रेनिंग तक ही नहीं दी गई है।
दरअसल गरीबों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन का संचालन किया जा रहा है। यह योजना वर्तमान में प्रदेश के 55 शहरों में संचालित की जा रही है। योजना में विशेष अहमियत गरीबों को स्किल डेवलपमेंट की ट्रेनिंग देकर उन्हें रोजगार देने को दी गई है। सूत्र बताते हैं कि योजना के मुताबिक शहरों में वर्ष 2015-16 और 2016-17 नवंबर तक की अवधि में बेरोजगारों की ट्रेनिंग तो हुई, लेकिन इनमें से अधिकांश शहरों में ट्रेनिंग के अनुपात में प्लेसमेंट नहीं हुआ है, जबकि कई शहर तो प्लेसमेंट का खाता भी नहीं खोल पाए हैं।
इन शहरों के बेरोजगारों को नहीं मिला रोजगार
जिन शहरों में ट्रेनिंग के बाद प्लेसमेंट नहीं मिला, उनमें शहडोल, रीवा, नीमच, मंदसौर, मंडला, इटारसी, ग्वालियर, डिंडौरी, दतिया, छतरपुर, गुना और भिंड शामिल हैं।
इसके साथ ही 13 शहर ऐसे हैं जो लगभग 15 से 28 प्रतिशत बेरोजगारों को ही प्लेसमेंट दे पाए हैं।
शहर ट्रेनिंग प्लेसमेंट
हरदा 400 110
डबरा 600 152
अनूपपुर 600 150
सतना 750 214
अशोकनगर 508 109
शिवपुरी 405 8३
सागर 2750 525
उज्जैन 27३1 679
पन्ना 258 97
विदिशा 500 100
बैतूल 500 100
होशंगाबाद 700 200
कटनी 580 89
इन नगरों में 40 से 56 फीसदी रहा प्लेसमेंट
शहर ट्रेनिंग प्लेसमेंट
भोपाल 12500 7000
बुरहानपुर 1280 700
पीथमपुर 1070 600
छिंदवाड़ा 1100 550
बालाघाट 299 150
सीहोर 600 268
बड़वानी 290 150
उमरिया 600 ३00
धार 700 350
रायसेन 405 200
खरगौन 1200 600
इंदौर 38000 19000
जबलपुर 3644 1427
साभार बिच्छुडॉटकाम
Comments