मल्हार मीडिया ब्यूरो।
उमरिया जिले के किसान भी आन्दोलन की राह पर चलने को तैयार, भारतीय किसान संघ ने दिया चेतावनी अगर 15 जून तक मांग नहीं हुई पूरी तो बैठेंगे आमरण अनशन पर। किसान को नहीं मिला जमीन का मुआवजा, हर साल बरबाद होती है फसल, जिले के कलेक्टर ने दिया आश्वासन हर संभव करेंगे मदद।
मध्यप्रदेश के उमरिया जिले के मानपुर जनपद के ग्राम अमरपुर में करोडो की लागत से भदार डैम बना और बनाते के साथ ही विवादों में घिर गया, किसानो को जल संसाधन द्वारा सही ढंग से मुआवजा राशि नहीं दिया गया और न ही सही ढंग से सर्वे किया गया। जिसकी जमीन डैम में नहीं आई उसको मुआवजा मिल गया और जिसकी आई उसको मुआवजा नहीं मिला, लगातार 4 गाँव के किसान जिले के कलेक्टर से लेकर मुख्य मंत्री तक पत्राचार करते रहे किन्तु नतीजा शिफर ही रहा।
अब जिले के भदार डैम से प्रभावित किसान प्रदेश में चल रहे किसान आन्दोलन को देख कर 16 जून से आन्दोलन की चेतावनी दे रहे हैं। भारतीय किसान संघ के बैनर तले जिला पंचायत सदस्य एवं भाजपा के नेता मौजी लाल चौधरी आज किसानों के साथ जिले के कलेक्टर से मिल कर अपनी बात रखे और कहे कि डैम का सही ढंग से सर्वे नहीं कराया गया है हम चार गाँव के किसानो की फसल हर साल पानी में डूब जाती है और अब हमारी जमीन किसी काम की नहीं रह गयी है।
हमको उस जमीन का मुआवजा दिया जाय नहीं तो हम लोग आन्दोलन करेंगे वहीँ बताये कि आज जिले के कलेक्टर से मुलाक़ात करके अपनी बात रखे हैं। जबकि इसके पूर्व कलेक्टर एक टीम बनाये थे सर्वे करने के लिए लेकिन वह टीम गयी ही नहीं। आज कलेक्टर साहब आश्वासन दिए हैं कि 15 जून के पूर्व हम हम खुद वहां चल कर समस्या देखेंगे और उसको हल करने का प्रयास करेंगे यदि नहीं हुआ तो हम लोग 16 जून के बाद आमरण अनशन करेंगे और मुख्यमंत्री तक अपनी बात पहुंचायेंगे। अगर वहां से भी समस्या हल नहीं हुई तो प्रधान मंत्री तक जायेंगे लेकिन लड़ाई बंद नहीं करेंगे।
जिला कलेक्टर अभिषेक सिंह का कहना है कि किसानों की जो समस्या है वो लगातार 2 – 3 सालों से बनी है जब से यह डैम अस्तित्व में आया है तब से लगातार शिकायत आ रही है। इस सन्दर्भ में हमने एक टीम भी गठित की थी, लेकिन किसान उस टीम की जांच से संतुष्ट नहीं हैं। किसानो का कहना है कि टीम ने उचित तरीके से जांंच नहीं किया है। वृहद टीम गठित करके मौके का सर्वे करवाएंगे और मौके पर मैं स्वयं जाऊँगा।
जहां तक इनके मुआवजे का प्रश्न है, 2 बाते तय है कि पहला डैम में पानी भर जाता है और साल भर पानी नहीं भरा रहता है तो उसका मुआवजा नहीं दिया जाता है। इस सन्दर्भ में मेरी अभी प्रमुख सचिव महोदय से बात भी हुई है, शासन का इसमे यह अभिमत है कि अगर पानी ज्यादा देर के लिए रुकता है तो हम उनको फसल क्षति मुआवजा देंगे और अगर यह समस्या स्थाई रूप से प्रति वर्ष बनी रहती है तो उसका स्थाई भू अर्जन किया जाएगा।
अभी 16 जून से जो उन्होंने आमरण अनशन की सूचना दिया था मेरे आश्वासन पर उन्होंने आश्वस्त किया है कि आमरण अनशन नहीं करेंगे। 16 तारीख के पहले मैं अपनी पूरी टीम के साथ भ्रमण करूंगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी किसान को किसी तरह की समस्या नही आये।
गौरतलब है कि जिले के कलेक्टर अपनी सूझबूझ से किसान आन्दोलन को रोकने का पूरा प्रयास किये है लेकिन अब देखना है कि 16 जून के बाद भी वे सफल रहते हैं कि नहीं। क्योंकि जल संसाधन विभाग के इंजीनियर बी एम पयासी की मनमानी के चलते ऐसी स्थिति निर्मित हो रही है। शासन प्रशासन पयासी पर कोई भी कार्यवाही नहीं कर रहा है। जबकि पयासी की जगह किसी दूसरे को भदार डैम का प्रभार दे दिया जाय तो समस्या हल हो सकती है।
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