वंदना तोमर।
सूरत की 80 साल की बकुलाबेन पटेल ने अपनी उम्र के बावजूद तैराकी में 500 से अधिक मेडल और ट्रॉफी जीतकर एक अद्वितीय मिसाल कायम की है।
इसके अलावा, वह भरतनाट्यम में MA कर रही हैं और इसे परफॉर्म करने वाली सबसे उम्रदराज़ महिला बनकर लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं।
हैरान करने वाली बात यह है कि उन्होंने यह सब 58 साल की उम्र से शुरू किया, जबकि इससे पहले वह एक साधारण गृहिणी थीं।
गुजरात के सूरत की रहने वालीं बकुलाबेन ने छोटी उम्र में ही अपने माता-पिता को खो दिया, जिससे उनकी पढ़ाई रुक गई।
रिश्तेदारों के यहाँ पली-बढ़ी बकुलाबेन ने अपने सपनों को पीछे छोड़ दिया। बचपन से ही उन्हें खेलों में रुचि थी, लेकिन वे उसमें आगे नहीं बढ़ पाईं। 9वीं क्लास में ही उनकी शादी हो गई, और 50 की उम्र तक गाँव में रहते हुए उन्होंने अपने घर-परिवार को बखूबी संभाला।
59 साल की उम्र में उन्हें स्विमिंग में दिलचस्पी हुई और उन्होंने इसकी ट्रेनिंग लेनी शुरू की। इस उम्र में तैराकी सीखना आम बात नहीं थी, उनकी अकादमी में भी कोई हमउम्र नहीं था, लेकिन बकुलाबेन ने इसकी परवाह किए बिना सीखना जारी रखा।
आज 80 साल की उम्र में, वह 16 देशों में स्विमिंग कर चुकी हैं और नैशनल और इंटरनेशनल लेवल पर 500 से अधिक मेडल्स और ट्रॉफी जीत चुकी हैं।
बकुलाबेन ने अटलांटिक महासागर, प्रशांत महासागर और बंगाल की खाड़ी में भी तैराकी की है, जहाँ उन्होंने 19 किलोमीटर तक तैराकी की।
बकुलाबेन क्लासिकल डांस में भी निपुण हैं। फिलहाल, वह भरतनाट्यम में MA कर रही हैं और 75 साल की उम्र में ढाई घंटे स्टेज पर परफॉर्म करके लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स में अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं।
स्वस्थ रहने के लिए वह रोज सुबह 4 बजे उठती हैं और 5 किलोमीटर पैदल चलकर स्विमिंग करने जाती हैं। इसके अलावा, वह मैराथन, योग और साइकिलिंग भी करती हैं।
आज भी वह घर के सभी काम खुद करती हैं और अपनी दिनचर्या में इतनी व्यस्त हैं कि अकेलापन महसूस करने का सवाल ही नहीं उठता।
50 साल की उम्र तक गृहणी रहने वाली बकुलाबेन अब एक स्विमिंग टीचर भी हैं। उनके कई स्टूडेंट्स हैं, जो उनसे न केवल ट्रेनिंग लेते हैं बल्कि काफी प्रेरणा भी प्राप्त करते हैं।
लेखिका लाईफ स्टाईल कोच हैं यह आलेख उनके फेसबुक वॉल से लिया गया है।
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