मल्हार मीडिया भोपाल।
सबसे ऊची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराकर रिकार्ड बनाने वाली 55 वर्षीय ज्योति रात्रे, अब अपने 7 समिट्स मिशन की छठी चोटी-माउंट विन्सन-को फतह करने के लिए तैयार हैं। अंटार्कटिका की सबसे ऊंची चोटी, माउंट विन्सन (4892 मीटर), को फतह करने के लिए वह 14 दिसंबर 2024 को रवाना होंगी। यह उपलब्धि न केवल भारत के लिए गर्व की बात होगी, बल्कि मध्यप्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा, क्योंकि वह इस चुनौती को स्वीकार करने वाले पहले व्यक्ति हैं।
“स्वयं पर विश्वास” बना प्रेरणा का स्रोत
ज्योति रात्रे का सफर न केवल पहाड़ों पर विजय पाने का है, बल्कि यह एक ऐसी कहानी है, जो हर भारतीय को “स्वयं पर विश्वास” के मंत्र को अपनाने की प्रेरणा देती है। 55 वर्ष की उम्र में 5 महाद्वीपों की सबसे ऊंची चोटियों को फतह करने वाली ज्योति, माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली सबसे उम्रदराज भारतीय महिला बन चुकी हैं। अब उनका लक्ष्य 7 महाद्वीपों की चोटियों को पूरा करना है, जिसमें माउंट विन्सन उनका अगला कदम है।
सबसे बड़ी चुनौती: अंटार्कटिका का भीषण मौसम
माउंट विन्सन अभियान में सबसे बड़ी चुनौती है अंटार्कटिका का कठोर और अप्रत्याशित मौसम। तापमान -30°C से -60°C तक गिर सकता है, और बर्फीली आँधियां व तूफ़ान पर्वतारोहियों की परीक्षा लेते हैं। इस मौसम में शरीर को गर्म और सुरक्षित रखना किसी जंग से कम नहीं होता। ज्योति रात्रे ने इन कठिनाइयों का सामना करने के लिए विशेष प्रशिक्षण और तैयारी की है। उनका अनुभव और धैर्य ही उनकी सबसे बड़ी ताकत हैं।
मध्यप्रदेश के लिए ऐतिहासिक क्षण
ज्योति रात्रे न केवल भारत की, बल्कि मध्यप्रदेश की भी शान हैं। वह राज्य के पहले व्यक्ति बनेंगे जो माउंट विन्सन को फतह करने का प्रयास कर रहे हैं। यह उपलब्धि मध्यप्रदेश को अंतरराष्ट्रीय पर्वतारोहण के मानचित्र पर स्थापित करने में मदद करेगी और राज्य के युवाओं के लिए एक बड़ी प्रेरणा बनेगी।
यात्रा की योजना
ज्योति 15 दिसंबर को चिली के पंटो अरेना पहुंचेंगी और वहां से 18 दिसंबर को यूनियन ग्लेशियर की ओर प्रस्थान करेंगी। अभियान लगभग 12 दिनों तक चलेगा।
साहस और प्रेरणा की प्रतीक
अपने जीवन में कई बाधाओं को पार करते हुए, ज्योति ने साबित किया है कि उम्र केवल एक संख्या है। उनका कहना है, “हर चोटियां हमें अपने डर को पार करने और अपनी सीमाओं को लांघने का मौका देती हैं। यह केवल पर्वतारोहण नहीं है, यह जीवन का दर्शन है।”
राष्ट्रीय और राज्य का गौरव
ज्योति रात्रे की माउंट विन्सन यात्रा केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भारत और मध्यप्रदेश के गौरव को बढ़ाने वाला एक कदम है। उनके मिशन के साथ, वह हर भारतीय को यह संदेश देती हैं कि चाहे परिस्थितियां कितनी भी कठिन क्यों न हों, हौसला और दृढ़ निश्चय हर असंभव को संभव बना सकते हैं।
ज्योति के इस साहसिक अभियान के लिए देशभर और विशेष रूप से मध्यप्रदेश से शुभकामनाओं की बौछार हो रही है। हर कोई उनके सफल और सुरक्षित लौटने की प्रार्थना कर रहा है। क्या वह इस बार भी भारत और अपने राज्य का झंडा ऊंचा करने में सफल होंगी? यह देखना रोमांचक होगा।
मध्यप्रदेश और देश को गर्व है!
ज्योति रात्रे की इस प्रेरणादायक यात्रा ने हमें दिखाया है कि सपनों को साकार करने के लिए कोई सीमा नहीं होती। मध्यप्रदेश और भारत उनकी माउंट विन्सन यात्रा के लिए उनका समर्थन करता है और उनके 7 समिट्स मिशन को पूरा होते देखने के लिए उत्साहित है।
“सपने वो नहीं जो सोते वक्त आते हैं, सपने वो हैं जो हमें सोने नहीं देते।”
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