मल्हार मीडिया।
मन में उत्साह और उदासी का मिश्रित भाव बना हुआ है। सात फरवरी 2005 को पहली बार ईटीवी दफ्तर में दाख़िल हुआ था और सत्रह जनवरी 2017 को अलविदा कह रहा हूँ। एक रिसर्चर से लेकर एडिटर उत्तराखंड तक का दिल्ली से देहरादून का ये सफर शानदार जानदार नामदार रहा।
ईटीवी हमेशा यादों में ताज़ा रहेगा, इस दौरान सीनियर्स का स्पोर्ट मिलता रहा और सहयोगियों का ज़बरदस्त समर्थन साथ भी। खासकर उत्तराखंड की जुझारू टीम का भरपूर सहयोग मिला। सबका आभार
जीवन बदलाव माँगता है और पेशेवर क्षेत्र में मेरी जड़ता करीब बारह बरस में टूटी है, ये मेरा आलस्य तो नहीं था न अवसरों का सन्नाटा बल्कि ये काफी सबूत है अपने पूर्ववती संस्थान के प्यार मुहब्बत समर्थन का कि चलते चला गया।
अब ज़ी मीडिया देहरादून में बतौर रेज़ीडेंट एडिटर नयी पारी का आगाज कर रहा हूँ। आपके प्यार और हौसलाअफ़जाई का तलबगार हूँ। और हाँ जो साथी मेरे ऊपर भरोसा जता कर सफर के हमराह बने हैं उनकी मोहब्बतों में कोई कमी न आये ये वादा है खुद से। ईटीवी के सभी साथी मेरी खबरों की आपाधापी में की गयी गुस्ताखियों जल्दबाजियों को माफ करेंगे। शुक्रिया।
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