मल्हार मीडिया।
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने स्पैम कॉल की समस्या को रोकने और दुर्भावनापूर्ण/धोखाधड़ी वाले संदेशों को प्रसारित करने में अनैतिक तत्वों द्वारा एसएमएस हेडर और सामग्री टेम्पलेट्स के दुरुपयोग को रोकने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इन उपायों का उद्देश्य उपभोक्ता हितों की रक्षा करना और एक स्वच्छ और सुरक्षित मैसेजिंग पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित करना है।
उठाए गए प्रमुख कदम:
स्पैम कॉल के खिलाफ सख्त कदम: ट्राई ने 13 अगस्त 2024 को निर्देश जारी किए, जिसमें कहा गया कि कोई भी इकाई जो नियमों का उल्लंघन करते हुए प्रमोशनल वॉयस कॉल करती पाई गई, उसे सख्त परिणाम भुगतने होंगे। इसमें सभी दूरसंचार संसाधनों को डिस्कनेक्ट करना, दो साल तक के लिए ब्लैकलिस्ट करना और ब्लैकलिस्टिंग अवधि के दौरान नए संसाधन आवंटन पर प्रतिबंध शामिल है।
इन निर्देशों के परिणामस्वरूप, 800 से अधिक संस्थाओं/व्यक्तियों को ब्लैकलिस्ट किया गया है, और 18 लाख से अधिक एसआईपी डीआईडी/मोबाइल नंबर/दूरसंचार संसाधनों को डिस्कनेक्ट किया गया है जो व्यावसायिक कॉल की प्रणालियों को स्वच्छ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
अनिवार्य यूआरएल, एपीके और ओटीटी लिंक व्हाइटलिस्टिंग: 20 अगस्त 2024 के ट्राई के निर्देशों का पालन करते हुए, एक्सेस प्रदाताओं ने 1 अक्टूबर 2024 से संदेशों में यूआरएल, एपीके या ओटीटी लिंक की अनिवार्य व्हाइटलिस्टिंग लागू कर दी है। इस तरह केवल सुरक्षित और स्वीकृत लिंक ही एसएमएस के माध्यम से भेजे जा सकेंगे, जिससे उपभोक्ताओं को हानिकारक या नकली वेबसाइटों, ऐप्स या अन्य ऑनलाइन खतरों से सुरक्षा मिलेगी।
टेलीमार्केटिंग कॉल्स का डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (ब्लॉकचेन) प्लेटफॉर्म पर माइग्रेशन: 1 अक्टूबर 2024 से 140xx नंबरिंग सीरीज से शुरू होने वाली टेलीमार्केटिंग कॉल्स को सख्त निगरानी और नियंत्रण के लिए डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (ब्लॉकचेन) प्लेटफॉर्म पर माइग्रेट किया गया है।
संदेश ट्रेसेबिलिटी में वृद्धि: एक्सेस प्रदाताओं ने प्राप्तकर्ताओं को संदेश भेजने में शामिल संस्थाओं (प्रेषक/प्रमुख संस्थाएं) की ट्रेसेबिलिटी सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी समाधान लागू किए हैं। यह नई प्रणाली सुनिश्चित करती है कि संदेश को संभालने वाले प्रत्येक व्यक्ति, प्रेषक से लेकर अंतिम डिलीवरी तक, को ट्रैक किया जाता है। इसमें प्रिंसिपल एंटिटी (पीई)- टेलीमार्केटर्स (टीएम) श्रृंखला को परिभाषित करना शामिल है जिसके माध्यम से संदेश एक्
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