मल्हार मीडिया ब्यूरो।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने रविवार को कहा है कि जीएसटी के मुनाफाखोरी रोधी नियम से मुश्किल पैदा हो सकती है और इसके साथ ही परिसंघ ने नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली के क्रियान्वयन से होने वाली मूल्य वृद्धि को नियंत्रित करने से संबंधित नियमों में अधिक स्पष्टता लाने का आग्रह किया, और कहा कि व्यापारियों को अनावश्यक प्रताड़ना से बचाने के लिए कर प्रशासन को अधिक संवेदनशील होना होगा। सीआईआई ने यहां एक बयान में कहा कि वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली (जीएसटी) के तहत मुनाफाखोरी रोधी नियम के शुरुआती क्रियान्वयन की अवधि के दौरान सामने आई व्यावहारिक व प्रक्रियात्मक चुनौतियों को लेकर चिंता है। जीएसटी को बीते साल जुलाई में लागू किया गया था।
बयान में कहा गया है, "राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण की स्थापना के साथ भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने जीएसटी से मूल्यों में होने वाली बढ़ोतरी को नियंत्रित करने के लिए नियमों में ज्यादा स्पष्टता की मांग की है।"
बयान में कहा गया है, "कानून को स्पष्ट और व्यावहारिक रूप से लागू करने की जरूरत है, और यह व्यवहारिकता क्रियान्वयन के शुरुआती दिनों से लेकर प्रणाली के स्थिर होने तक बनी रहनी चाहिए।"
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